कब तक छुपेंगे गोगामेड़ी के हत्यारे? इस 'सिंघम' अधिकारी ने संभाला मोर्चा, कहते हैं अपराधियों का काल
IPS Dinesh MN: राजस्थान में करनी सेना के अध्यक्ष गोगामेड़ी की हत्या के बाद से प्रदेशभर में आक्रोश का माहौल है। इस बीच कई जगहों पर रोड़ जाम कर दिए गए है। प्रदेशभर में इसी हत्याकांड के बाद से आक्रोश का महौल है। बुधवार को प्रदेशभर में कई जगहों पर बंद का असर भी देखने को मिल रहा है। इस हत्या कांड के बाद प्रदेश में माहौल को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी IPS दिनेश एमएन को सौंपी है। राजस्थान में कई मौकों पर पुलिस अधिकारी दिनेश एमएन ने मोर्चा संभाल कर स्थिति को कंट्रोल किया है। यहीं कारण रहा है दिनेश एम एन को पुलिस के आलाधिकारीयों ने छूट्टी से वापस बुला लिया है।
गोगमेड़ी हत्या की जांच दिनेश MN को सौंपी
सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड में जांच के लिए डीजीपी ने एसआईटी का गठन किया है। सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड की कमान अब एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन ने संभाल ली है। जयपुर आने के बाद वह श्याम नगर इलाके में सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के घर पहुंचे, जहां उन्होंने घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद पुलिस अधिकारियों से अब तक की जांच के संबंध में जानकारी भी ली।
सात साल जेल में रहे दिनेश MN
आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन की 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में दिनेश एमएन को 7 साल जेल में बिताने पड़े थे। उन्हें गुजरात की साबरमती जेल में बंद कर दिया गया था, लेकिन मामले में बरी होने के बाद उन्हें फिर से भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने का मौका दिया गया।
किया था गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का खात्मा
दिनेश एमएन को दोबारा सेवा में शामिल हुए लगभग 4 साल हो गए हैं। इस दौरान उन्होंने राजस्थान पुलिस की दो बड़ी एजेंसियों एसओजी और एसीबी में काम करते हुए कई बड़े खुलासे किए हैं। दिनेश एमएन ने ही राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का सफाया किया था। अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह कहे जाने वाले आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर दिनेश एमएन ने किया था।
हनी ट्रैप मामले का किया था खुलासा उजागर
दिनेश ने एसओजी में काम करते हुए हनी ट्रैप जैसे मामलों का भी खुलासा किया था। दिनेश ने राजस्थान के बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों को हनीट्रैप में फंसाकर करोड़ों रुपये वसूलने वाले कई पुलिसकर्मियों और वकीलों समेत कई लड़कियों को भी गिरफ्तार किया था। इसके बाद ही राज्य में ब्लैकमेलिंग कांड के मामले काफी हद तक कम हुए हैं।