Digital Rajasthan Conclave: महामारी के समय में हुए डिजिटलाइजेशन ने बदल दी दुनिया
जयपुर। इतिहास में सबसे खतरनाक महामारी कोविड को डिजिटलीकरण के कारण प्रभावी रूप से प्रबंधित किया जा सका। विश्व के सभी भागों में महामारी के बारे में जानकारी, उससे बचने के उपाय, दवाओं आदि की जानकारी आसानी और कम समय में लोगों तक उपलब्ध कराई जा सकी। कॉन्क्लेव की थीम ‘एम्ब्रेसिंग टेक्नोलॉजीज, ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स’ का इससे बेहतर उदाहरण नहीं हो सकता।
यह बात राजस्थान लघु उद्योग निगम अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कही। वे जयपुर में फिक्की राजस्थान द्वारा आयोजित डिजिटल राजस्थान कॉन्क्लेव के 7वें संस्करण में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। अरोड़ा ने कहा, कि राजस्थान सरकार ने डिजिटल साक्षरता के लिए 400 से अधिक नए नॉलेज सेंटर्स खोले हैं। सेंटर्स से लगभग 9.50 लाख शिक्षार्थी लाभ प्राप्त कर चुके हैं। इसके अलावा पीपीपी स्कीम के तहत राज्य के 10,000 से अधिक सैकंडरी-सीनियर सैकंडरी विद्यालयों में कंप्यूटर लैब स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया, कि ‘स्मार्ट वर्किंग कैंपेन’ के तहत 40 हजार फाइलों को ऑनलाइन किया जा चुका है। उद्योग और वाणिज्य आयुक्त महेंद्र कुमार पारेख ने कहा, कि डिजिटल परिवर्तन स्पष्ट है, क्योंकि 80 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टमेंट प्रमोशन की आयुक्त डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा कि हाल ही में आयोजित इन्वेस्ट राजस्थान समिट में 10 लाख करोड़ रुपए के एमओयू और एलओआई पर हस्ताक्षर किए गए थे।
उन्होंने कहा, कि राजस्थान में आज सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम बहुत प्रभावी है। वन स्टॉप शॉप (राजनिवेश पोर्टल) में 14 विभागों के लिए क्लियरेंस की सुविधा है। प्रक्रिया बहुत सरल हो गई है और आवेदन केवल 6 मिनट में किया जा सकता है, जिसका ऑटोमेटिक जनरेटेड रिस्पॉन्स सिस्टम है।
छोटे शहरों में बढ़ाना है आईटी उद्योग
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) के निदेशक परितोष डंडरियाल ने कहा कि पूरे भारत में 63 एसटीपीआई केंद्र हैं। इसका उद्देश्य टीयर 2 और टीयर 3 शहरों में आईटी उद्योग को बढ़ावा देना है, ताकि युवाओं को बड़े शहरों में न जाना पड़े और छोटे शहरों का विकास हो सके। विषय के बारे में बात करते हुए फिक्की राजस्थान सब-कमेटी ऑन आईटी एंड स्टार्ट-अप चेयरमैन बिमल पटवारी ने कहा, कि नवीनतम तकनीक का अनुप्रयोग अब ‘बजवर्ड’ नहीं रह गया है। आज 79% आबादी पहले से ही इंटरनेट से जुड़ी हुई है।
5-जी का जीवन बदलने में बड़ा हाथ होगा
बहुभाषी इंटरनेट और सार्वभौमिक स्वीकृति पर फिक्की टास्क फोर्स के अध्यक्ष अजय डाटा ने कहा कि डिजिटलाइजेशन ने दुनिया को पूरी तरह से बदल दिया है। उबर जैसे सबसे बड़े टैक्सी सेवा प्रदाता के पास एक टैक्सी नहीं है। एयरबीएनबी और ओयो जैसे सबसे बड़े होटल सेवा प्रदाताओं के पास एक होटल नहीं है और इसी तरह जोमैटो और स्विगी के पास एक रेस्टोरेंट नहीं होने के बावजूद देश भर में खाना पहुंचा रहे हैं। 5-जी का हमारे जीवन को बदलने में बहुत बड़ा हाथ होगा। आज सभी क्षेत्रों में डिजिटल तकनीक का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा, जिसकी कोई कल्पना नहीं कर सकता।