चित्तौड़गढ़ में भाजपा के सामने मुश्किल, BJP से बगावत कर विधायक बने आक्या ताल ठोकने को तैयार
Chittorgarh Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव का ऐलान अब कभी भी संभव है। इसके लिए पार्टियां अपने उम्मीदवारों की घोषणा में जुटी हुई हैं। जिन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा हो चुकी है वहां नेता चुनाव की तैयारियों में जुट चुके हैं। इस बीच भाजपा और कांग्रेस को कुछ सीटों पर उनके बागी नेता चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट पर भाजपा की परेशानी बढ़ने वाली है। यहां से मौजूदा निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने लोकसभा चुनाव लड़ने के स्कत दिए हैं।
लगातार कर रहे जनसंपर्क
आक्या लगातार क्षेत्र में जनसंपर्क कर रहे हैं और कार्यकर्ताओं के साथ चुनाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं। बता दें कि राजस्थान में दो बार लोकसभा की सभी 25 सीटें जीतने वाली भारतीय जनता पार्टी के लिए इस बार कुछ सीटें चुनौती भरी होंगी। इनमें से एक चित्तौड़गढ़ लोकसभा सीट भी है। इस लोकसभा सीट से पार्टी ने सीपी जोशी को तीसरी बार मौका दिया है। वर्ष 2014 और 2019 में लगातार दो बार चुनाव जीत चुके सीपी जोशी इस बार भी प्रत्याशी बीजेपी में हलचल तेज चंद्रभान सिंह आक्या लगातार अपने समर्थकों के साथ चित्तौड़गढ़ के दौरे पर हैं और जनता से संवाद कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के लिए कार्यकर्ताओं से चर्चा
मीडिया से बात करते हुए आक्या ने कहा कि वे निर्दलीय हैं और लोकसभा चुनाव के लिए अपने कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे हैं। अगर कार्यकर्ताओं ने कहा तो वे 100 फीसदी चुनाव लड़ेंगे। इसमें कोई दो राय नहीं है। आक्या ने कहा कि परिस्थितियां देखकर वे इस बारे में निर्णय लेंगे और चुनाव भी लड़ेंगे। उनके इस बयान से बीजेपी में हलचल मच गई है। पार्टी के शीर्ष नेता उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी के नेता पूरी कोशिश करेंगे की आक्या मैदान में नहीं आए। अगर वे आ गाए तो सीपी जोशी की राह मुश्किल हो जाएगी।
उदयलाल आंजना कांग्रेस प्रत्याशी
चित्तौड़गढ़ से कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और पिछले विधानसभा चुनाव में हारने वाले उदयलाल आंजना को प्रत्याशी घोषित किया है। इसी बीच निर्दलीय विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने भी सुजाव लड़ने के संकेत दिए हैं। अगर चंद्रभान सिंह आक्या चुनाव मैदान में उतरते हैं तो बीजेपी के लिए मुरीबत बढ़ सकती है।
टिकट काटे जाने से नाराज
चंद्रभान सिंह आक्या छात्र राजनीति से लेकर 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले तक भाजपा से जुड़े रहे हैं। वर्ष 2013 और 2018 में वे लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर विधायक बने थे। वर्ष 2023 के चुनाव में बीजेपी ने आक्या का टिकट काट कर नरपत सिंह राजवी की चुनाव मैदान में उतारा था। इससे नाराज होकर आक्या ने पहले पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से टिकट बदलने की मांग की। जब टिकट नहीं बदला ती आक्या निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव मैदान में कूद गए और नरपत सिंह राजवी को पटखनी देते हुए जीत दर्ज की। चुनाव जीतने के बाद भले ही लावया ने सरकार को समर्थन दिया है लेकिन चित्तौड़गढ़ के कुछ नेताओं से वे बेहद नाराज है जिनकी वजह से पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था।
जोश और आक्या के बीच पुरानी अदावत
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी चितौड़गढ़ से ही सांसद हैं। चंद्रभान सिंह आक्या और सीपी जोशी दोनों छात्र जीवन से ही प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान जब चंद्रभान सिंह जावया का टिकट कटा ती ऐसे आरोप लगे कि सीपी जोशी ने ही उनका टिकट कटवाया। खुद आस्या भी कहा करते थे कि उनका टिकट कटवा कर जोशी ने पुरानी अदावत का बदला लिया है। विधानसभा चुनाव तो आक्या निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत गए। अब लोकसभा चुनाव में वे सौपी ओशी को सबक सिखाने के मूड में हैं।