शब्दों का असीम भंडार है डिक्शनरी, ईसा से तीसरी सदी पहले बना था चीनी शब्दकोश
आधुनिकता के इस दौर में हर कार्य बहुत आसान हो गया है। चाहे पढ़ाई करनी हो या मीलों दूर का सफर, किसी से चर्चा करनी हो या खरीदारी सबकुछ बेहद सरल हो गया है। लेकिन इस सरलता की कोशिशों में कुछ चीजें हमसे कोसों दूर भी होती जा रही है। फिर बात चाहें डिक्शनरी की ही क्यों न करलें। लाखों शब्दों से भरा खजाना जैसे अब बोझ बन गया है। लोग सीधे मोबाइल फोन से ही अब हर सवाल और सभी प्रकार की गुत्थी हल करने लगे हैं।
हालांकि शब्दकोश अपने-आप में असीम ज्ञान का भंडार लिए हुए है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी। दरअसल सभ्यता और संस्कृति की शुरूआत से ही मानव को शब्द बोलने का ज्ञान था। लेकिन सही अभिव्यक्ति के लिए सही शब्द का चयन उतना ही आवश्यक था। अत: मानव सही समय पर सही शब्द का चयन कर पाए इसलिए शब्दकोश बनाए गए और इन्हें प्रत्येक भाषा में बनाया गया ताकि प्रत्येक व्यक्ति इन्हें पढ़ सके।
शब्दकोश का इतिहास
शब्दों के संकलन का इतिहास भारत से माना जाता है। इसकी शुरूआत वेदों जितनी पुरानी है। यानी कम से कम पांच हजार वर्ष पहले इनका संकलन हुआ था। विश्व का प्राचीनतम शब्द संकलन ‘कश्यप का निघण्टु’ है। इसमें अट्ठारह सौ वैदिक शब्दों को एकत्रित किया गया था। महर्षि यास्क ने इसकी व्याख्या भी की थी। जो कि विश्व का पहला शब्दार्थ कोश है, जिसे डिक्शनरी या ऐनसाइक्लोपीडिया कहा जाता है।
आधुनिक शब्द कोश का निर्माण इंग्लैंड के सैमुएल जानसन ने वर्ष 1755 में किया था। सैमुएल की डिक्शनरी का नाम सैमुएल जॉन्संस डिक्शनरी ऑफ़ इंग्लिश लैंग्वेज था। इसमें शब्दों के साथ-साथ परिभाषाएं भी दी गई थी। इसके बाद वर्ष 1806 में अमेरिका की नोहा वैब्स्टर्स ने ‘नोहा वैब्स्टर्स ए कंपैंडियस डिक्शनरी आफ़ इंग्लिश लैंग्वेज’ प्रकाशित की हुई। इसमें साहित्यिक शब्दावली के साथ-साथ कला और विज्ञान के क्षेत्रों को भी स्थान दिया गया था।
शब्दों का महान ग्रंथ
डिक्शनरी का दौर जैसे सालों पहले की बात हो गई है। लेकिन जो आनंद इस शब्दकोश के भंडार से शब्द खोजने में था, वो मोबाइल पर यूं उंगलियां चलाकर सैकंड्स में जवाब पाने में नहीं है। डिक्शनरी को हिंदी में शब्दकोश कहा जाता है। इसमें हर शब्द का अर्थ लिखा होता है। यह शब्दों का एक ऐसा ग्रन्थ है जिसमें शब्दों की वर्तनी, उनकी व्युत्पत्ति, व्याकरण संबंधी निर्देश, उनके अर्थ, परिभाषा और प्रयोग के बारे में पूरी जानकारी होती है। शब्दकोश किसी भी भाषा का हो सकता है। यह एकभाषीय, द्विभाषिक या बहुभाषिक हो सकते हैं। जैसे- विज्ञान शब्दकोश, चिकित्सा शब्दकोश, विधिक (कानूनी) शब्दकोश, गणित शब्दकोश या अंग्रेजी शब्दकोश आदि।
कई भाषाओं के शब्द कोश
शब्दकोश सभी भाषाओं का ज्ञान देते हैं। जैसे- दर्शन, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, भाषाविज्ञान, मनोविज्ञान, समाजविज्ञान और समाजशास्त्र, अंग्रेजी, हिंदी इन सभी भाषाओं के अपने अलग-अलग शब्द कोश हैं। चीनी भाषा के शब्दकोश का नाम ईर्या है, जिसे ईसा से तीसरी सदी पहले बनाया गया था।
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