धौलपुर पुलिस का ताबड़तोड़ एक्शन, जंगलों से तीन दिन में 4 इनामी बदमाशों को दबोचा
धौलपुर। राजस्थान के धौलपुर में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। शुक्रवार को सोने के गुर्जा थाना व एडीएफ की टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 5 हजार रुपए के इनामी बदमाश को पकड़ने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने बदमाश रामरज गुर्जर से एक देशी कट्टा व एक कारतूस बरामद किया है। बदमाश मारपीट फायरिंग व गाड़ी में तोड़फोड़ के मामले में फरार चल रहा था।
एडीएफ-एएसपी के देवेंद्र राजावत ने बताया कि जिले में इनामी बदमाश अवैध हथियार वांछित अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें एडीएफ टीम के कांस्टेबल अशोक मीणा को सूचना मिली कि सोने के गुर्जा थाना इलाके के जंगलो में 5 हजार रुपए का इनामी बदमाश घूम रहा है। सूचना मिलते ही एडीएफ व सोने का गुर्जा टीम घटित कर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने बदमाश को चारों तरफ से घेर कर उसको पकड़ लिया। जब बदमाश की तलाशी ली गई तो उसके पास से एक देशी कट्टा व एक कारतूस बरामद किया है। बदमाश से पूछताछ की तो उसने अपना नाम रामरज पुत्र महावीर गुर्जर निवाशी लालोनी थाना कंचनपुर होना बताया। पुलिस ने बदमाश के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
पुलिस ने दो दिन पहले भी की कार्रवाई
बता दें कि 2 दिन पहले 6 सितंबर को भी धौलपुर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। धौलपुर पुलिस ने कुख्यात 3 इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया था। तीनों बदमाश कई मामलों में करीब फरार चल रहे थे। पुलिस ने धौलपुर के जंगल में मुठभेड़ के बाद तीनों बदमाश राम लखन गुर्जर उसके साथी पप्पू गुर्जर और राजेंद्र गुर्जर को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर रखा था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुठभेड़ के दौरान कांस्टेबल को भी गोली लगी। लेकिन, बुलेट प्रूफ जैकेट पहने होने के कारण जवान को कोई नुकसान नहीं हुआ। इसके बाद कांस्टेबलों के साहस दिखाते हुए तीनों बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
बता दें कि धौलपुर पुलिस द्वारा फरार और इनामी बदमाशों का खिलाफ की गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया जा रहा है। एडीएफ-एएसपी देवेंद्र राजावत के नेतृत्व में जंगलों में सर्च अभियान चलाया। इसी दौरान मंगलवार रात बसई डांग थाना क्षेत्र के नियाती के जंगलों में हुई मुठभेड़ में पुलिस ने तीनों इनामी बदमाशों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि इस अभियान में दो कांस्टेबल हल्के राम मीणा और नटवर की सराहनीय भूमिका रही।