होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

धर्म कर्म: इस दिन बन रहा पुष्य नक्षत्र संयोग, सभी नक्षत्रों का है राजा, इस दिन इन चीजों की खरीदारी करने पर जिंदगी भर मिलेगा फायदा

11:52 PM Oct 10, 2024 IST | NR Manohar

जयपुर: दीपावली के पहले 24 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र आ रहा है. कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी गुरुवार को होने से इसे गुरु पुष्य कहा जाएगा. पंडित अनिल शर्मा ने बताया कि 27 नक्षत्रों में से पुष्य नक्षत्र को सबसे शुभ माना जाता है. इसे नक्षत्रों का राजा कहा गया है. पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई वस्तुएं स्थायी फलदायी मानी जाती हैं। इस दौरान हर प्रकार की खरीदी की जा सकती है.

पं. शर्मा ने बताया कि पुष्य नक्षत्र की शुरुआत 24 अक्टूबर को सूर्योदय से होगी. यह 25 अक्टूबर को सुबह 7:40 बजे तक रहेगा. पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी और शुरू किए गए व्यापार में बढ़ोतरी होती है. पुष्य नक्षत्र के स्वामी ग्रह बृहस्पति हैं. पुष्य नक्षत्र की राशि कर्क है. गुरु पुष्य योग ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण योग माना जाता है. यह योग तब बनता है, जब गुरु ग्रह (बृहस्पति) पुष्य नक्षत्र में होता है. दोनों ही (गुरु ग्रह और पुष्य नक्षत्र) धन, समृद्धि और ज्ञान न के प्रतीक माने जाते हैं.

इन दोनों के संयोग से बनने वाला यह योग बेहद शुभ माना जाता है. इस नक्षत्र में सोना-चांदी के साथ अचल संपत्ति की खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है.

पुष्य नक्षत्र में इनकी खरीदी स्थायी लाभ देने वाली

पंडित अनिल शर्मा  ने बताया कि पुष्य नक्षत्र में अचल संपत्ति में मकान, प्लॉट, फ्लैट, कृषि भूमि और व्यावसायिक संपत्ति की खरीदी शुभ है. चल संपत्ति में आभूषणों में सोना, चांदी, हीरा, प्लेटिनम के आभूषण. ऑटोमोबाइल (चार पहिया वाहन, दोपहिया वाहन), इलेक्ट्रिक दोपहिया-चार पहिया वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान में फ्रिज, टीवी, वॉशिंग मशीन, लैपटॉप, माइक्रोवेव ओवन आदि खरीदी वस्तुएं स्थायी लाभ देने वाली है.

11 व 12 को सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग भी बन रहा

पं. शर्म ने बताया कि इस नवरात्र की शुरुआत हस्त नक्षत्र, ऐंद्र और जयद योग से हुई है. इस बार पूरी नवरात्र सर्वार्थ सिद्धि और रवि योग बना रहेगा. 11 और 12 अक्टूबर को भी ये दोनों योग बन रहे हैं. मान्यता है कि ये शुभ योग अत्यंत फलदायी होते हैं. एक साथ चार शुभ संयोग दुर्लभ माने जाते हैं. इसलिए शारदीय नवरात्रि में इस बार चार योग और हस्त नक्षत्र होने के कारण इस दौरान की गई खरीदारी शुभ और स्थायी मानी जाती है.

Next Article