DGP का संदेश... अब गुंडों पर भी पेपर लीक मामले जैसा एक्शन, सख्त कानून से खत्म होगा माफिया राज
जयपुर। पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में पुलिस के सालभर के काम-काज का ब्योरा पेश किया। इस दौरान डीजीपी मिश्रा ने माफियाराज से जुड़े गुंडों को लेकर सख्त संदेश दिया। माफियाओं को डीजीपी ने सख्त संदेश दिया कि सभी गुड़ों पर अब पेपर लीक मामले जैसी कार्रवाई होगी। जैसे वरिष्ठ अध्यापक भर्ती लीक परीक्षा मामले के मुख्य सरगना भूपेंद्र सारण के प्रॉपर्टी पर जिस तरह जेडीए का बुलडोजर चलाया गया, अब वैसी ही कार्रवाई सभी माफियाओं पर की जाएगी। इसके लिए राजस्थान पुलिस ने राज्य सरकार से विशेष कानून बनाने की मांग की है और कुछ प्रस्ताव भी बनाकर दिए हैं।
पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि अपराधियों पर अकुंश लगाने के लिए अब जल्द ही नए कठोर कानून आएंगे। इसके साथ ही कुछ पुराने बने हुए कानूनों में संशोधन भी होगा। इसके बाद नकल, जमीन और ड्रग माफियाओं से जुड़े गुंडों पर एक्शन होगा। वहीं पुलिस में करप्शन के मामले को लेकर डीजीपी ने कहा कि जो जैसा करेगा, वह वैसा भरेगा। आम आदमी थाने में जाने से डरें नहीं, इसको लेकर भी डीजीपी ने पुलिस के व्यवहार को सुधारने पर बल दिया
दुष्कर्म के 41 फीसदी मामले झूठे
डीजीपी उमेश मिश्रा ने बताया कि राजस्थान में क्राइम के आंकड़ों में बढ़ोतरी इसलिए हुई है कि यहां पर राजस्थान सरकार ने परिवादी को न्याय दिलाने के लिए निर्बाध पंजीकरण को बढ़ावा दिया हैं। इस कारण एनसीआरबी के आंकड़ों में प्रदेश दुष्कर्म के मामलों में दूसरे स्थान पर रहा है, लेकिन दर्ज मुकदमों में से 41 फीसदी मामले झूठे निकले हैं। साल 2022 में साइबर अपराधियों ने 37 हजार 151 लोगों से 130 करोड़ 18 लाख रुपए ठग लिए। पुलिस में साइबर एक्सपर्ट नहीं होने से रिकवरी 5 फीसदी भी नहीं हैं। हालांकि साइबर अपराध पुलिस के लिए चुनौती है, लेकिन भरतपुर पुलिस ने 60 हजार फर्जी सिम बंद कराई हैं। डीजीपी ने कहा कि 32 जिलों में साइबर थाने खोल दिए गए हैं। साइबर अपराधों की रोकथाम डिजिटल इको सिस्टम की साइबर खतरों से सुरक्षा सुदृढ़ करने एवं आमजन को जागरूक करने के उद्देश्य से 50 करोड़ रुपए की लागत से सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी की स्थापना की जाएगी
यह रहा रिपोर्ट कार्ड
2019 से 2022 तक पॉक्सो एक्ट में 12 को फांसी, 466 को 20 वर्ष से अधिक का आजीवन कारावास और 750 को अन्य सजा दिलवाई गई। केस ऑफिसर स्कीम के तहत 263 प्रकरणों में 58.70 प्रतिशत सजा का प्रतिशत रहा। 2022 में 2021 की तुलना में 11.61 प्रतिशत केस ज्यादा दर्ज हुए।
आमजन को आज भी थाने में जाने से लगता है डर
डीजीपी ने कहा कि पुलिस का व्यवहार आमजन के लिए अच्छा होना चाहिए। आज भी आमजन थाने में जाने से डरता है। खासतौर पर कमजोर तबके साथ सदव्यवहार होना चाहिए। कई बार पुलिस के गलत व्यवहार के कारण परिवादी वास्तविक शिकायत को डर के कारण भूलकर व्यवहारिक शिकायत दर्ज करवा देता है। इससे डीजीपी ने कहा कि पुलिस पीड़ित से खुलकर बात करें। उसे विश्वास दिलाए कि पुलिस उसकी पूरी मदद करेगी।
ऐसे दूर होगा करप्शन
डीजीपी ने कहा कि पुलिस के काम काज में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं पुलिस के जांच अधिकारी को यह स्पष्ट बताना चाहिए कि कौन से मामले में वह एफआर दे रहे हैं और कौन से में वह चालान पेश करेंगे। यह बात शिकायतकर्ता से छिपानी नहीं चाहिए। बल्कि स्पष्ट बतानी चाहिए। इससे करप्शन पर और पुलिस पर लगने वाले आरोपों में कमी आए। जांच हो या घटना पुलिस का रेस्पॉन्स तुरंत होना चाहिए।
मौतों को बताया बेहद गंभीर
डीजीपी ने सड़क हादसों में होने वाली मौतों को लेकर चिंता जाहिर की। साल 2022 में प्रदेशभर में सड़क हादसों में 11,106 लोगों की मौत हुई हैं। सड़क हादसों में 2021 के मुकाबले 13 फीसदी की वृद्धि हुई हैं और 11% मौतें अधिक हुई।