'देवदास' से 'लगान' के आर्ट डायरेक्टर नितिन चंद्रकांत देसाई ने किया सुसाइड, जानिए वो कारण जिसने किया मजबूर
मुंबई। फेमस आर्ट डायरेक्टर नितिन चंद्रकांत देसाई (Art director Nitin Desai) ने बुधवार यानी 2 अगस्त को सुसाइड कर लिया है। उन्होंने मुंबई से 80 किलोमीटर दूर कर्जत स्थित अपने स्टूडियों में आत्महत्या कर ली। हालांकि अभी मौत के कारणाों का खुलासा नहीं हुआ है। लोग एक फेमस निर्देशक की आत्महत्या के पीछे आर्थिक तंग और कर्ज की अटकलें लगा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, नितिन देसाई मंगलवार रात 10 बजे अपने कमरे में गए थे और वह बुधवार सुबह तक बाहर नहीं आए तो फिर उनके बॉडीगार्ड और अन्य लोगों ने दरवाजा खटखटाया। लेकिन इसके बावजूद किसी ने दरवाजा नहीं खोला। देखा तो नितिन देसाई का शव पंखे से लटकता हुआ पाया गया। इसके बाद पुलिस ने शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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महाराष्ट्र MLA महेश बाल्डी ने की पुष्टि
महाराष्ट्र MLA महेश बाल्डी ने मीडिया को बताया कि फिल्म 'लगान' के आर्ट निर्देशक नितिन देसाई की मौत हो गई है। उन्होंने कहा कि वह आर्थिक तंगी से गुजर रहे थे और यही आत्महत्या का कारण हो सकता है। रायगढ़ एपी ने बताया कि हमने आर्ट निर्देशक नितिन देसाई के शव को कर्जत में उनके स्टूडियो में लटकते हुए पाया है। पुलिस को इसकी जानकारी सेट पर काम करने वाले एक कर्मचारी ने दी। जब पुलिस टीम स्टूडियो पर पहुंची, तो हमने उनके शव को लटकते हुए देखा। हम इस मामले के सभी पहलुओं को स्पष्ट करने के लिए मामले की जांच कर रहे हैं।
नितिन चंद्रकांत देसाई का जीवन
नितिन चंद्रकांत देसाई का जन्म दापोली में हुआ था और उन्हें मराठी और हिंदी फिल्मों में काम करने के लिए सर्वश्रेष्ठ रूप में जाना जाता है, 2016 के विश्व सांस्कृतिक महोत्सव, दिल्ली और फिल्मों में 'हम दिल दे चुके सनम' (1999), 'लगान' (2001), 'देवदास' (2002), 'जोधा अकबर' (2008) और 'प्रेम रतन धन पायो' (2015) जैसी चर्चित फिल्मों में उनका काम सबसे अधिक पहचाना जाता है। वे एक प्रसिद्ध भारतीय आर्ट निर्देशक और प्रोडक्शन डिजाइनर भी थे। उन्होंने अपने 20 वर्षीय कॅरियर के दौरान अशुतोष गोवारिकर, विधु विनोद चोपड़ा, राजकुमार हिरानी और संजय लीला भंसाली जैसे निर्देशकों के साथ काम किया।
चंद्रकांत प्रोडक्शन्स का 'देश देवी'
चंद्रकांत प्रोडक्शन्स की फिल्म 'देश देवी', जो कच्छ की देवी माता के बारे में एक भक्तिगीत है, उन्होंने 2002 में एक्टर से निर्माता बनने की प्रक्रिया की। उन्हें तीन फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ आर्ट निर्देशन पुरस्कार और चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिले हैं।
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कॅरियर की शुरुआत
नितिन चंद्रकांत देसाई ने मई, 1987 में मुंबई के फिल्म सिटी स्टूडियो में पहली बार काम किया। उन्होंने टीवी शो में भी योगदान दिया। नितिन की पहली फिल्म 1993 में 'भूकम्प' रिलीज हुई थी, लेकिन 1994 में विधु विनोद चोपड़ा की '1942: ए लव स्टोरी' से उन्हें फेम मिला। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परियोजनाओं 'परिंदा', 'खामोशी', 'माचिस', 'बादशाह', 'डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर' और 'राजू चाचा' जैसी फिल्मों में योगदान दिया।