Jaipur : अब आंदोलन की राह पर नर्सिंग कर्मचारी, सामूहिक छुट्टी लेकर सड़कों पर उतरे, 4 मांगों के लिए निकाली रैली
जयपुर। प्रदेश में पिछले कई दिनों से चल रहा नर्सिंग कर्मचारियों का धरना-प्रदर्शन आज उग्र हो गया। नर्सिंग कर्मचारियों आज जयपुर में सामूहिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में शामिल होने के लिए आज प्रदेश के सभी जिलों से हजारों नर्सिंग कर्मचारी आए। प्रदेश भर के सभी जिलों से आए नर्सिंग कर्मचारी जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सामने जुटे। नर्सिंग कर्मचारियों ने मेडिकल कॉलेज से न्यू गेट रामलीला मैदान तक रैली निकाली। इसके बाद रामलीला मैदान में प्रदर्शन किया।
राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले हुए इस आंदोलन से पहले संघर्ष समिति के नेता प्यारेलाल चौधरी, राजेंद्र सिंह राणा और नरेंद्र सिंह शेखावत ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि हम पिछले तीन महीने से अपनी मांगों को लेकर लगातार शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे है। लेकिन, सरकार ने हमारी मांगों पर कोई विचार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि साल 2018 में जब विधानसभा चुनाव होने थे तब कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र के बिंदु संख्या 25 में राज्य कर्मचारियों से चार वादे किए थे। ये चारों वादे सरकार ने पूरे नहीं किए। यानी कर्मचारी कल्याण के लिए की गई घोषणाओं पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इन सभी घोषणाओं को पूरा नहीं करने से कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अब तक पिछले घोषणा पत्र पर कोई कार्रवाई हुई नहीं और दोबारा नया घोषणा पत्र बनाने का समय आ गया, जिससे राज्य कर्मचारियों में जबरदस्त आक्रोश है।
इन चार मांगों को लेकर कर रहे प्रदर्शन...
कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करना।
संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करना।
टाईम स्केल पदोन्नति देना।
राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्री मंडलीय उप समिति का गठन करना।
प्रदेशभर से हजारों नर्सिंग कर्मचारी आए जयपुर...
इस आंदोलन में शामिल होने के लिए इन नर्सेजकर्मियों ने कल सामूहिक अवकाश के लिए अपने-अपने एचओडी को पत्र सौंपे। आज ये सभी नर्सिंग कर्मचारी सुबह 11 बजे एसएमएस मेडिकल कॉलेज ग्राउंड में एकजुट हुए, जहां से इन्होंने रैली शुरू की, जो रामनिवास गार्डन, न्यू गेट होते हुए रामलीला मैदान पहुंची।
हॉस्पिटलों के वार्डो में काम प्रभावित…
नर्सिंग कर्मचारियों के सामूहिक अवकाश का असर आज सभी सरकारी हॉस्पिटलों में वार्डों में देखने को मिला। यहां स्टाफ कम होने के कारण भर्ती मरीजों को थोड़ी परेशानी हुई। हालांकि हॉस्पिटल प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए नर्सिंग कॉलेजों के स्टूडेंट्स को सेवा के लिए बुलाया है, जिन्होंने हॉस्पिटलों में काम संभाला है।