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वीरांगनाओं का प्रदर्शन : मुंह में हरी घास दबाए सीएम से मिलने की गुहार लगाती रहीं वीरांगनाएं... किरोड़ी बोले, पूरे राज्य का होगा विनाश

06:38 PM Mar 09, 2023 IST | Jyoti sharma
वीरांगनाओं का प्रदर्शन   मुंह में हरी घास दबाए सीएम से मिलने की गुहार लगाती रहीं वीरांगनाएं    किरोड़ी बोले  पूरे राज्य का होगा विनाश

बीते 10 दिनों से पुलवामा अटैक के शहीदों की वीरांगनाएं जयपुर में धरना प्रदर्शन कर रहीं हैं। आज वे दोपहर में सचिन पायलट के आवास से उठकर किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में सीएम आवास कूच करने निकली। सीएम से मिलने के लिए वे यहां पर मुंह में हरी दूब लेकर सुरक्षाकर्मियों से गुहार लगाते दिखीं।

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सीएम आवास की तरफ बढ़ने पर इन वीरांगनाओं को सुरक्षाकर्मियों ने राजभवन के चौराहे पर ही रोक लिया और वहां बैरिकेडिंग लगा दी। इसके बाद वीरांगनाओं ने मुंह में हरी दूब दबाकर पहले दंडवत प्रणाम किया, उसके बाद हाथ जोड़कर सीएम से मिलने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग को लेकर सीएम से मिलने मिलना चाहती हैं इसलिए उन्हें मिलने दिया जाए।

आदिवासी प्रथा है मुंह में हरी घास दबाकर विनती करना

हरी दूब दबाने के पीछे के कारण का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि यह आदिवासी परंपरा है, इस परंपरा परंपरा के अनुसार मुंह में हरी घास लेकर निवेदन किया जाता है तो हर फरियाद पूरी होती है। इसलिए उन्होंने पुलिस से सीएम गहलोत से मिलने के लिए निवेदन किया है ताकि उनकी मुराद पूरी हो सके।

किरोड़ी ने कहा निष्ठुरता की हद हुई पार

लेकिन सुरक्षाकर्मियों के वीरांगनाओं को अंदर नहीं जाने देने को लेकर किरोड़ी लाल मीणा ने मीडिया से कहा कि दाँतों में तिनका दबाए हुई वीरांगनाएं मुख्यमंत्री जी के शरणागत हो शहीदों के सम्मान की याचना कर रही हैं पर निष्ठुरता की सीमा पार कर चुके मुख्यमंत्री जी सम्मान देने की बजाय व्यर्थ की बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे राज्य का विनाश निश्चित है।

किरोड़ी लाल ने कहा कि बीते 10 दिनों से हम जयपुर में धरने पर बैठे हुए हैं, बीते 5 दिनों से मुख्यमंत्री आवास के पास बैठे हुए हैं लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री जी ने वीरांगनाओं से मिलने का कष्ट नहीं किया और आज तो निष्ठुरता की हद ही हो गई। वीरांगना यहां उनसे मिलने की गुहार लगा रही हैं लेकिन उनके सुरक्षाकर्मी बैरिकेडिंग से हमें रोक रहे हैं। जिस राज्य में वीरांगनाओं का इस तरह अपमान होता है उस राज्य में सत्ता का नाश होता है।

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