For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

Delhi Accident : मृतका की सहेली और आरोपितों का हो सकता है लाइ डिटेक्टर और पॉलिग्राफ टेस्ट

10:47 AM Jan 05, 2023 IST | Jyoti sharma
delhi accident   मृतका की सहेली और आरोपितों का हो सकता है लाइ डिटेक्टर और पॉलिग्राफ टेस्ट

Delhi Accident : दिल्ली के कंझावला मामले में अब मृतका अंजलि की सहेली निधि औऱ पांचों आरोपियों का लाई डिटेक्टर या पॉलिग्राफ टेस्ट हो सकता है। क्योंकि अब तक की जांच, मृतका की सहेली निधि और आरोपियों के बयान मेल नहीं खा रहे हैं और तो और निधि के बयानों को अंजलि के परिवार ने तो गलत बता ही दिया है, इस पर अंजलि की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी अपनी मुहर लगा दी है। इसलिए अब पुलिस इन पूरे छह लोगों का लाई डिटेक्टर टेस्ट की प्रक्रिया में लगी हुई है।

Advertisement

सीसीटीवी फुटेज और बयान नहीं खा रहे मेल

दरअसल पुलिस को अब तक जो भी सीसीटीवी फुटेज मिले हैं। उनसे निधि और आरोपितों के बयान जरा भी मेल नहीं खा रहे हैं। इसके साथ एक बड़ा सवाल ये भी अपना सिर उठा रहा है कि आखिर कार और स्कूटी की टक्कर के बाद आखिर लड़की भाग क्यों गई, और अगर भागी भी तो उसने पुलिस को क्यों सूचना नहीं दी यहां तक कि हादसे के दो दिन बाद तक उसने किसी को कुछ नहीं बताया। उसका कहना है कि वह डर गई थी इसलिए उसने किसी को कुछ नहीं बताया। पुलिस समेत कई लोगों को यह बात पच नहीं रही है।

निर्भया की मां ने अंजलि की मां से की मुलाकात

दूसरी तरफ मृतका की मां से निर्भया की मां आशा देवी ने बीते बुधवार को मुलाकात की। उन्होंने अंजलि की मां और उसके छोटे भाई-बहनों को सांत्वना देकर उन्हें ढांढस बंधाया औऱ उनका दुख बांटा। निर्भया की मां आशा देवी ने मीडिया से कहा कि अंजलि की सहेली निधि ने जो भी बयान दिया है, वह पूरी तरह झूठ नजर आ रहा है। निधि, अंजलि को इतनी दर्दनाक हालत में कैसे छोड़कर जा सकती है और गई भी तो इतने दिन तक छुपी क्यों रही। पुलिस को इस मामले में निष्पक्ष होकर जांच करनी चाहिए। ताकि अंजलि के साथ जो कुछ भी हुआ वह सच बाहर निकल कर आ सके।

अंजलि के परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग

आशा देवी ने कहा कि अंजलि के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इतने बड़े परिवार को चलाने की जिम्मेदारी को अंजलि परिवार का बेटा बनकर निभा रही थी, लेकिन उन दरिंदों ने उसे दरिंदगी से भी बदतर मौत दी। अब उसका परिवार कैसे चलेगा। उन्होंने पुलिस और सरकार से अंजलि के परिवार के सदस्यों में से एक को सरकारी नौकरी और मुआवजा देने की मांग उठाई है। बता दें कि दिल्ली पुलिस को इस मामले की रिपोर्ट इसी सप्ताह गृह मंत्रालय को सौंपनी है। इसलिए वह अब आरोपियों और निधि का पॉलीग्राफ टेस्ट करा जल्द सच्चाई पता करने की कोशिश में है।

दो जिलों के बीच घटना होने से पुलिस जिम्मेदारी से झाड़ती रही पल्ला

इधर पुलिस की कार्यशैली पर भी बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि जिस परिधि में अंजलि को कार से घसीटा गया। उस 12 किमी के दायरे में 3 पुलिस चौकी पड़ती है और हर पुलिस चौकी के पास 3 PCR वैन थीं लेकिन मामला दिल्ली के दो जिलों में पड़ने से पुलिस ने इस मामले में लापरवाही दिखाई जिसकी कीमत अंजलि को इस दर्दनाक मौत से चुकनी पड़ी। दरअसल अंजलि को सुल्तानपुरी से रोहिणी तक घसीटा गया था। इस पूरे मामले में पुलिस ने यह भी पाया कि अगर पीसीआर वैन को जिला पुलिस से नहीं जोड़ा गया होता तो शायद PCR वैन और पुलिस थाने अंजलि को बचा सकते थे। लेकिन दोनों ही जिलों की पुलिस ने कार का पीछा करने और अंजलि को बचाने की तत्परता इसलिए नहीं दिखाई। क्योंकि उन्होंने दूसरे जिलों पर जिम्मेदारी लेने के चक्कर में अपना पल्ला झाड़ना ज्यादा जरूरी समझा।

यह भी पढ़ें- Kanjhawala Case: एक्सीडेंट में खुल गई थी अंजलि की खोपड़ी, ब्रेन मैटर तक गायब, पोस्टमॉर्टम में हुआ खौफनाक खुलासा

.