नहर में डूबे 2 भाईयों के मिले शव, कार ड्राइवर डूबते देखा तो बची 6 लोगों की जान, दादी की राख को विसर्जित करने गया था परिवार
कोटा। राजस्थान के कोटा में दादी की मौत के बाद क्रिया कर्म करके राख को विसर्जित करने नहर में आए 8 लोग शनिवार को पानी में डूब गए। इनमें से कुछ लोग करीब 150 फीट की दूरी तक चले गए। जिन्हें राहगीरों ने साड़ी व रस्सी के सहारे बाहर निकाला, लेकिन 2 युवक पानी के बहाव में बह गए। इन दोनों की तलाश नगर निगम के गोताखोर और एसडीआरएफ की टीम कर रही थी। रविवार को टीम को घटना के 20 घंटे बाद सफलता मिली और दोनों के शव घटनास्थल से 3 किलोमीटर दूर नहर में मिले। दोनों के शवों को नहर से निकालकर पुलिस को सौंप दिया गया है। मृतक युवकों में विवेक (19) और कुणाल (20) शामिल हैं। पुलिस ने मृतकों का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सुपुर्द कर दिए।
अंधेरा होने पर रात को बंद किया था रेस्क्यू
नगर निगम के गोताखोर विष्णु श्रृंगी का कहना है कि दोनों की तलाश के लिए ऑपरेशन शनिवार सुबह ही शुरू कर दिया गया था, जिसमें एक एसडीआरएफ और दूसरी नगर निगम की थी। शनिवार को पूरे दिन रेस्कयू अभियान चलने के बाद भी सफलता नहीं मिली थी। ऐसे में अंधेरा होने पर रात को रेस्क्यू बंद किया था। रविवार सुबह से ही नहर में फिर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया। इसके लिए नहर से पानी का प्रवाह भी बंद करवाया गया था।
इसमें एसडीआरएफ की टीम को एक शव मिला था, वहीं दूसरा शव नगर निगम के गोताखोर टीम ने तलाश किया है, जिन्हें पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया है। दूसरी तरफ पुलिस ने मृतकों का एमबीएस अस्पताल के मोर्चरी में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए।
एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में बहने लगे लोग...
गौरतलब है कि शनिवार सुबह बजरंग नगर निवासी रासो देवी के निधन के बाद तीसरे की रस्म के लिए उनके परिजन बजरंग नगर स्टील ब्रिज के नजदीक नहर पर नहाने के लिए पहुंचे थे। नाग-नागिन मंदिर के पास शनिवार सुबह करीब 9 बजे रस्म के दौरान अचानक से रासो देवी के बेटे रामभरोस व शंभू कुमार, दो पोते कुणाल और विवेक और एक अन्य राजेश नहर में पानी का बहाव बढ़ने बहने लगे। इतने में एक पानी में बह रहे एक युवक ने मदद के लिए हाथ से इशारा किया।
कार ड्राइवर ने डूबते देखा तो मदद के लिए दौड़ा...
इसी दौरान वहां से गुजर रहे कार ड्राइवर ऋषभ सेन ने उसे देख लिया। उसने बचान के लिए स्थानीय लोगों को बुलाया। लोगों ने रस्सी व साड़ी की मदद से राजेश, रामभरोस और शंभूकुमार को निकाला। जबकि विवेक और कुणाल का पता नहीं लगा था। जिनकी तलाश में नगर निगम के गोताखोर, एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी।