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'बस एक बार दर्शन हो जाए'...भगवान गणेश जैसी शक्ल लिए पैदा हुआ बच्चा, देखने के लिए अस्पताल में लगी भीड़

दौसा के सरकारी अस्पताल में एक ऐसा बच्चा पैदा हुआ जिसकी एक झलक पाने के लिए लोगों की भीड़ लग गई.
02:06 PM Aug 02, 2023 IST | Avdhesh
 बस एक बार दर्शन हो जाए    भगवान गणेश जैसी शक्ल लिए पैदा हुआ बच्चा  देखने के लिए अस्पताल में लगी भीड़

दौसा: राजस्थान के दौसा जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां जिला अस्पताल में 31 जुलाई की रात भगवान गणेश जैसी शक्ल वाले एक बच्चे ने जन्म लिया. गणेश की शक्ल वाले बच्चे को देख वहां मौजूद हर किसी के पैरों तले जमीन खिसक गई. इधर अस्पताल में ऐसे बच्चे के पैदा होने की खबर फैलते ही वहां पर आस पास के लोग जुटने लगे जहां हर कोई उसकी एक झलक पाना चाहता था.

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हालांकि दु:खद खबर यह भी रही कि बच्चे के जन्म के महज 20 मिनट के बाद ही उसके सांसें की डोर टूट गई. दरअसल बीते 31 जुलाई की रात अलवर की रहने वाली एक गर्भवती महिला को दौसा के सरकारी अस्पताल में लाया गया जहां उसे दर्द होने की शिकायत थी.

इसके बाद गर्भवती महिला ने रात करीब 9:30 बजे एक बच्चे को जन्म दिया. बच्चे की शक्ल को लेकर मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चे के भगवान गणेश की तरह एक सूंड थी और गले तक कान लटक रहे थे. वहां मौजूद लोगों का कहना है कि बच्चा एकदम भगवान गणेश की तरह दिखाई दे रहा था.

डॉक्टरों ने क्या बताया?

बच्चे के जन्म पर दौसा में जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी शिवराम मीणा ने जानकारी दी कि कई बार जेनेटिक गड़बड़ी के अलावा क्रोमोसोम में गड़बड़ी के चलते ऐसे बच्चे पैदा हो जाते हैं. मीणा ने बताया कि किसी भी महिला को गर्भधारण करने के बाद अपनी समय पर जांच करवानी चाहिए जिसमें क्रोमोसोम टेस्ट एक कारगर उपाय है जिससे बच्चे के स्वास्थ्य की पूरी जांच की जा सकती है.

क्रोमोसोम टेस्ट क्या होता है?

गौरतलब है कि प्रेग्नेंसी के दौरान हर महिला के दिमाग में यह चलता है कि उनका होने वाला बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हो ऐसे में अब ऐसे कई तरह के टेस्ट हैं जिनकी मदद से माता-पिता जन्म से पहले उसके स्वास्थ्य के बारे में पूरी जानकारी ले सकते हैं जहां उन्हीं में से एक है क्रोमोसोम (गुणसूत्र) का टेस्ट.

इस टेस्ट की मदद से प्रसव से पहले विकसित होते भ्रूण में डॉक्टर संभावित क्रोमोसोमल असामान्यताओं की पहचान कर सकते हैं. हालांकि यह टेस्ट आमतौर पर उन महिलाओं का किया जाता है जिन्हें क्रोमोसोम विकार होने का जोखिम रहता है या फिर कोई जेनेटिक हिस्ट्री रही हो.

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