डॉक्टर बनने की होड़ में रिकॉर्ड तोड़ रहीं हैं बेटियां, पीछे रह गए बेटे
जयपुर। मुन्नाभाई एमबीबीएस फिल्म में डॉक्टर अस्थाना का एक डायलॉग है- ‘जिस डाॅक्टर का हाथ मरीज का ऑपरेशन करते हुए कांपता है वो अच्छा डॉक्टर नहीं बन सकता।’ इस बात को हमारे देश की बेटियां गलत साबित कर रही हैं। भावनात्मक रूप से लड़कों से कमजाेर मानी जाने वाली लड़कियां इस ‘टफ’ प्रोफेशन में आने के लिए लड़कों को लगातार पछाड़ रही हैं। डॉक्टर बनने का ‘एंट्री गेट’ माने जाने वाले मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट नीट-यूजी के आंकड़े तो यही दर्शाते हैं। पिछले तीन साल से इस परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करने वालों में लड़कियों की संख्या लड़कों से अच्छे खासे अनुपात में अिधक है।
इस वर्ष 7 मई को होने वाली परीक्षा के लिए लगभग 21 लाख अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन किया है, जिसमें 12 लाख से ज्यादा लड़कियां हैं। िपछले वर्षों के आंकड़े देखें तो 2022 में 18.72 लाख कुल अभ्यर्थियों में से 10.64 लाख लड़कियां थी। वहीं 2021 में 16 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों में से 9 लाख से ज्यादा लड़कियां थी। कमोबेश यही अनुपात परीक्षा में सफल हाेने वाले अभ्यर्थियों के आंकड़ों में रहे थे।
मेडिकल फील्ड लड़कियों के लिए कम्फर्टेबल
फोिरस हॉस्पिटल में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट की हैड डॉ. सुमन सिंघल का कहना है कि मेडिकल प्रोफेशन में अपॉर्च्युनिटी, सेफ्टी और सिक्योरिटी का कॉम्बिनेशन मिलता है, जो किसी दूसरे प्रोफेशन में नहीं मिलता। मेडिकल प्रोफेशन को ‘जेंटलमैन जॉब’ माना जाता है और एक डॉक्टर का सामाजिक स्टेटस भी काफी अच्छा होता है। हालांकि यह प्रोफेशन बहुत हार्डवर्क मांगता है, लेकिन अगर सेफ्टी और सिक्योरिटी मिले तो लड़कियां हार्डवर्क को एंजॉय करती हैं। इस फील्ड में प्रोफेशनल ग्रोथ के चांस भी काफी अधिक हैं।
180954 सीट्स के लिए हाेगी परीक्षा
नीट-यूजी परीक्षा 7 मई को दोपहर 2 से शाम 5.20 बजे तक एक ही पारी में आयेाजित होगी। देशभर में एमबीबीएस की 99763, बीडीएस की 27868, बीएएमएस की 52720 और बीवीएससी व एएच की 603 सीट्स के लिए करीब 21 लाख परीक्षार्थी भाग्य आजमाएंगे। परीक्षा 13 भाषाओ में होगी।
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