साइबर ठगों के बुलंद हौंसले, अब महिला अफसर से ठगे 1 लाख रुपए
ऑनलाइन खरीदारी करने वाले लोगों के साथ साइबर क्राइम बढ़ता जा रहा है। अब इस ठगी के पीड़ितों की फेहरिस्त में आम लोगों के साथ खास लोग भी शामिल हो रहे हैं। दरअसल अलवर में एक महिला अफसर से ठगों ने लगभग 1 लाख रुपए की ठगी कर ली। ठगों ने अधिकारी से 3 बार ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करा लिया।
ऑनलाइन शॉपिंग में हुई ठगी
पूरा मामला अलवर के सहकारी विभाग का है। विभाग के उप रजिस्ट्रार कार्यालय में सहायक प्रशासनिक अधिकारी पद पर कार्यरत पीड़ित सोनिया खत्री ने बताया कि 25 जनवरी उन्होंने फेसबुक पर एक साइट पर जाकर ऑनलाइन शॉपिंग की थी। जिसमें उन्होंने लेडीज सूट मंगाए थे। आर्डर गलत आने पर उन्होंने उस साइट के नंबर गूगल पर जाकर सर्च किए। जब नंबर मिला तो उन्होंने कस्टमर केयर पर बात की। जिस पर उन्हें रिफंड का आश्वासन दिया गया। कस्टमर केयर पर बात करने वाले व्यक्ति ने मोबाइल के 5 डिजिट डलवाए जैसे ही ये नंबर डाले उनके खाते से 8059 रुपए ट्रांसफर हो गए।
खाते से उड़ाए 96 हजार रुपए
इस पर सोनिया खत्री ने ऑब्जेक्शन किया तो उनसे कहा गया कि आपने गलत डिजिट डाल दी अब आप 80059 का डिजिट डालो जैसे ही उन्होंने यह नंबर टाइप किया वैसे ही उतनी ही राशि उनके खाते से फिर गायब हो गई। इस पर उन्होंने विरोध जताया। तो उनसे कहा गया कि हमने आपको दूसरा नंबर बताया था लेकिन आपने गलत नंबर डायल कर दिया। फिर उन्होंने 8059 का डिलीट टाइप किया। जैसे ही ये नंबर टाइप किए वैसे ही फिर से इतने ही रुपए उनके अकाउंट से चले गए। इस तरह अधिकारी के खाते से 96 हजार रुपए जा चले गए। इसके बाद उन्होंने साइबर थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराई। खत्री का यह भी कहना है कि पहले उन्होंने साइबर थाने में फोन किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। हालांकि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।
एक भी मामले का खुलासा नहीं, साइबर थाने की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
बता दें कि 26 दिसंबर 2022 को अलवर में साइबर थाना शुरू हुआ था। यहां 6 जनवरी को पहला मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद 10 जनवरी, 11 जनवरी, 18 जनवरी को साइबर ठगी के मामले दर्ज किए गए लेकिन इनमें से किसी मामले में अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में साइबर थाने की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।