फिर टूटे किसानों के अरमान, घग्घर नदी का बंधा टूटा, 200 बीघा खेतों में खड़ी फसल हुई तबाह
जयपुर। प्रदेशभर में मौसम का मिजाज बदला है। एक तरफ प्रदेश के कई जिलों में मानसूनी बारिश का कहर देखने को मिल रहा है तो दूसरी ओर घग्घर नदी का जल स्तर बढ़ने से श्रीगंगानगर में बाढ़ के हालात बने हुए है। घग्घर नदी में पानी की आवक से श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में एक बार फिर आफत आ गई। रामसिंहपुर के निकटवर्ती 56 जीबीबी के पास घग्घर नदी का बांध टूट गया। जिससे आसपास के दर्जनों गांव जलमग्न हो गए। ऐसे में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं, करीब 200 बीघा खेतों में खड़ी फसल पानी में डूब गई।
जानकारी के मुताबिक अमरपुरा-सिलवानी के बीच रात करीब 1 बजे घग्घर नदी का बांध टूट गया। जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। ग्रामीण कुछ समझ पाते तब तक पानी के तेज बहाव में करीब 200 बीघा खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। किसानों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद पोकलेन मशीन और ट्रैक्टर्स की मदद से फिर से बंधा की मरम्मत की। किसानों ने एक हजार से ज्यादा मिट्टी के थैले लगाकर कटाव पाटा। तब जाकर ग्रामीणों के साथ-साथ प्रशासन ने राहत की सांस ली।
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब घग्घर नदी के पानी ने कहर बरपाया है। रविवार रात को भी कुछ ऐसा ही हुआ था। सूरतगढ़ के नजदीकी गांव रंगमहल में घग्घर नदी के बहाव इलाके का फ्रंटलाइन बंधा टूट गया। जिससे खेतों में पानी भर गया और फसलें बर्बाद हो गई थी। प्रशासन ने बाढ़ जैसे हालात देख गांव को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा था। ग्रामीणों ने फ्रंटलाइन के बंधे को भरने का प्रयास किया। लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाए। बाद में प्रशासन की मदद से सफलता मिली।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में हो रही बारिश के कारण घग्घर नदी का जल स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से श्रीगंगानगर जिले में बाढ़ के हालात बने हुए है। ऐसे में जिला कलेक्टर सहित पूरा प्रशासनिक अमला लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दे रहा है। प्रशासन जिले में हर स्थिति पर नजरें बनाए हुए है।
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