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पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में बोले सीपी जोशी, हम 'हेल्पलेस' हैं, सदन को चलाने के लिए सिर्फ एक 'रेफरी' से ज्यादा कुछ नहीं

02:39 PM Jan 11, 2023 IST | Jyoti sharma
पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में बोले सीपी जोशी  हम  हेल्पलेस  हैं  सदन को चलाने के लिए सिर्फ एक  रेफरी  से ज्यादा कुछ नहीं

जयपुर में आज विधानसभा में पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन के स्वागत उद्बोधन में राजस्थान विधानसभा स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि मुझे खुशी यह सम्मेलन राजस्थान विधानसभा में हो रहा है। लोकसभा और राज्यसभा के चेयरमैन दोनों राजस्थान से है। यह राजस्थान के लिए बहुत ही गर्व की बात है। सीएम गहलोत और मेरा एक लंबा अनुभव रहा है। सीपी जोशी ने कहा कि आज हम नये सिरे से चर्चा करें कि सदन ज्यादा दिन चले इसके लिए कानून बनाया जाए।

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वित्तीय स्वायत्ता का उठाई मांग

उन्होंने कहा कि सदन की वित्तीय सहायता के लिए वित्त आयोग तो है, लेकिन सदन को चलाने में कई समस्याएं आती हैं। इसलिए अगर स्वायत्तता विधानमंडलों को दी जाएगी तो ज्यादा बेहतर होगा। सीपी जोशी ने कहा कि हम एक तरह से हेल्पलेस रेफरी हैं। हम सिर्फ सदन चला सकते हैं कोई कार्यवाही में व्यवधान पैदा करते हैं तो उन्हें बाहर निकाल सकते हैं इसके अलावा हम कुछ नहीं कर सकते। यहां तक कि हमें सदन को बुलाने  का अधिकार भी नहीं है। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है। उन्होंने सीएम गहलोत से मांग उठाई कि राजस्थान विधानसभा को वित्तीय स्वायत्तता मिले।

धनखड़ ने कहा- संविधान की मूल भावना का सम्मान करें

जगदीप धनखड़ ने विधायिका और न्यायपालिका संबंध पर कहा कि हम विधानसभा में न्यायपालिका के जजमेंट की व्याख्या नहीं कर सकते हैं उसी तरह कोर्ट भी विधानसभा के फैसलों की व्याख्या ना करें, उन्होंने कहा कि संविधान की मूल भावना का सभी को मिलकर सम्मान करना चाहिए।

सदन में अशोभनीय व्यवहार से आक्रोशित है जनता

धनखड़ ने कहा कि यह हम सब का सौभाग्य है कि भारत विश्व में लोकतांत्रिक विस्तार का प्रतीक है। हमें विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का गौरव हासिल है। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि प्रजातांत्रिक मूल मुद्दों को और मौलिकता को हर तरीके से प्रीजर्व करें। विधान मंडलों में लोकसभा में राज्यसभा में जो वातावरण दर्शित होता है। उसका जनता क्या आकलन करती है। हमें इस समस्या का समाधान करना चाहिए। संसद और विधान मंडलों में अशोभनीय व्यवहार होता है जिससे जनता में काफी आक्रोश है। इसका निदान खोजा जाए कि हमारे पास एक ही विकल्प है कि हम समाधान खोजें। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने राजभवन में संविधान पार्क का अवलोकन भी किया। उन्होंने कहा कि संविधान से जुड़ी संस्कृति और संवैधानिक मूल्यों के कला-रूप में यह एक अनुपम उदाहरण है।

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