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कोरोना का नया वैरिएंट आर्कटुरस की क्षमता शरीर में मौजूद, टेस्ट में देता है चकमा

07:32 AM Apr 22, 2023 IST | Supriya Sarkaar

वॉशिंगटन। कोरोना वायरस का खतरा एक बार फिर बढ़ने लगा है। भारत, अमेरिका और ब्रिटेन समेत दुनिया के 29 देशों में कोरोना के नए वैरिएंट के मामले बढ़ रहे हैं। इस बार कोरोना का वैरिएंट क्राकेन (एक्सबीबी.1.5) और आर्कटुरस (एक्सबीबी.1.16) तबाही मचा रहा है। ये वायरस इम्यून को तेजी कमजोर कर रहे हैं। एक से ज्यादा म्यूटेशन वाले वायरस को वैरिएंट कहा जाता है। इम्यून इवेजन के कारण वायरस टेस्टिंग के दौरान गलत परिणाम दे सकते हैं। हो सकता है कि एक व्यक्ति संक्रमित हो और उसकी जांच नकारात्मक आए।

कितना खतरनाक हैनया वायरस? 

आर्कटुरस की लैब टेस्टिंग से पता चलता है कि इसके स्पाइक प्रोटीन में एक और म्यूटेशन है, जिसके कारण उसकी संक्रामक क्षमता बढ़ गई है। आर्कटुरस पहले के वैरिएंट क्राकेन से 1.17 से 1.27 गुना ज्यादा संक्रामक है। टोक्यो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इसे एंटीबॉडी के लिए मजबूत रूप से प्रतिरोधी बताया है। इसके साथ ही उनकी चेतावनी है कि यह दुनिया भर में फैल सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नया वायरस प्रतिरक्षा से बच कर गंभीर संक्रमण और जटिलताओं का कारण बन सकता है।

वैक्सीन से कितना बचाव संभव? 

वायरस में म्यूटेशन के कारण वैक्सीन लगवा चुके लोग भी संक्रमित हो सकते हैं। वे टीका न लगवाने वाले लोगों से ज्यादा सुरक्षित हैं। वैक्सीन ऐसे लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को कम करेगी। आर्कटुरस (एक्सबीबी.1.16) वैरिएंट युवाओं को अपनी चपेट में ले रहा है। बुखार, खांसी, कफ, गले में सूजन जैसी समस्या संक्रमित लोगों में देखी गई है। संक्रमण के दौरान आराम करें। ठीक होने में 7-10 दिन लग सकते हैं। अच्छी और बैलेंस डाइट लें।

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