For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

सहकारी बैंक NPA जल्द ही कर सकेंगे राइट ऑफ, 500 के नोट नहीं होंगे बंद और ना ही आएगा 1000 का नोट

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है।
09:20 AM Jun 09, 2023 IST | Anil Prajapat
सहकारी बैंक npa जल्द ही कर सकेंगे राइट ऑफ  500 के नोट नहीं होंगे बंद और ना ही आएगा 1000 का नोट

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष की अपनी दूसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को भी 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। वहीं, चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए मुद्रास्फीति के अनुमान को 5.2 प्रतिशत से घटाकर 5.1 प्रतिशत कर दिया है। इसके साथ ही आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा है कि सहकारी बैंक जल्द ही अपने एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) बट्टे खाते (राइट ऑफ) में डाल सकेंगे।

Advertisement

उन्होंने कहा कि इस आशय के दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि 500 रुपए के नोट बंद नहीं होंगे और ना ही 1,000 का नोट निकाला जाएगा। हाल ही में बंद किए गए 2,000 के नोट के बारे में उन्होंने कहा िक अब तक 50 फीसदी नोट बैंकों में आ चुके हैं। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘वैश्विक स्तर पर अनिश्चितताओं के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था और वित्तीय क्षेत्र मजबूत तथा जुझारू बना हुआ है।’ उन्होंने कहा कि एमपीसी ने रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का फैसला किया है।

को-ऑपरेटिव बैंक भी कर सकेंगे चूककर्ताओं से समझौता निपटान 

दास ने कहा कि सहकारी बैंक जल्द ही गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को बट्टे खाते में डाल सकेंगे और चूककर्ताओं के साथ समझौता निपटान कर सकेंगे। इसके तहत सहकारी ऋणदाताओ सं हित सभी विनियमित इकाइयां अब एनपीए का समाधान करने के लिए ‘समझौता निपटान और फंसी हुई राशि को तकनीकी बट्टे खाते में डालने’ जैसे फैसले कर सकेंगी। इस पर व्यापक दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तक फंसी हुई संपत्ति के समाधान की अनुमति केवल अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा गैर बैंकिंग वित्तीय कं पनियों को थी।

क्या है रेपो ब्याज दर 

रेपो वह ब्याज दर है, जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी फौरी जरूरतों को पूरा करने के लिए कें द्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। अप्रैल की पिछली मौद्रिक समीक्षा बैठक में भी एमपीसी ने रेपो दर में बदलाव नहीं किया था। पिछले साल मई से लेकर कु ल छह बार में रेपो दर में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी।

1.80 लाख करोड़ के 2,000 के नोट आए 

दास ने कहा कि चलन में मौजूद 2,000 रुपए के कु ल नोटों में लगभग 50 प्रतिशत यानी 1.80 लाख करोड़ बैंकिं ग प्रणाली में वापस आ गए हैं। उन्होंने कहा कि कु ल 3.62 लाख करोड़ रुपए मूल्य के दो हजार रुपए के नोट चलन में थे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 500 के नोट को वापस लेने का विचार नहीं, ना ही 1,000 का नोट वापस लाया जाएगा। लोगों से अनुरोध है कि वे इसको लेकर अटकलें नहीं लगाएं ।

महंगाई में स्थाई कमी का रास्ता लंबा 

दास ने कहा कि रेपो दर को नहीं बढ़ाने का फैसला सिर्फ एक ठहराव है और भविष्य में नीतिगत कार्रवाई पूरी तरह उस समय के आंकड़ों पर निर्भर करेगी। साथ ही, कें द्रीय बैंक गवर्नर ने जोड़ा कि मुद्रा स्फीति में स्थाई कमी के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है।

ये खबर भी पढ़ें:-केरल में मानसून की दस्तक… राजस्थान में करीब एक महीने करना होगा इंतजार

.