भरतपुर में देर रात बवाल, गाड़ियों पर पथराव-आगजनी, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, जानें-मूर्तियों को लेकर विवाद क्यों?
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में देर रात मूर्ति लगाने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। नाराज लोगों ने चक्का जाम कर आगजनी भी की। भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस की गाड़ियों पर भी पथराव किया। पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। यह मामला भरतपुर जिले के नदबई इलाके का है। जहां रात 8 बजे शुरू हुआ बवाल देर रात तक चलता रहा। हालांकि, रात दो बजे बाद पुलिस को एक्शन लेना पड़ा। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को तितर बितर कर दिया। इलाके में आज सुबह भी माहौल तनावपूर्ण है। हर स्थिति से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात है।
दरअसल, यहां एक पक्ष महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने की मांग कर रहा है। वहीं, दूसरा पक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने की मांग कर रहा है। इसी विवाद को लेकर बुधवार रात दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। गुस्साएं ग्रामीणों ने जाम लगाने के बाद आगजनी शुरू कर दी। लोगों ने नदबई की ओर जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया और पुलिस को भी बैलारा चौराहे की तरफ जाने से रोक दिया।
नदबई से पहले बूढ़ावरी गांव, नगला खटोटि गांव की मुख्य सड़कों पर भी आगजनी की गई। यहां भी जाम लगाने का प्रयास किया गया। पुलिस जिन-जिन रास्तों पर गश्त कर रही थी, लोग वहां पथराव करने लगे। रात 12 बजे बाद हालात बेकाबू हो गए। अंधेरे का फायदा उठा ग्रामीण पुलिस पर पथराव करते रहे। रात करीब 1 बजे एसपी श्याम सिंह भी बैलारा चौराहे पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। हालात को देखते हुए पूरे इलाके में पुलिस फोर्स तैनात की गई। साथ ही पुलिस ने एक्शन लेते ही आंसू गैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
मूर्तियों को लेकर विवाद क्यों?
नदबई इलाके में नगर पालिका प्रशासन ने तीन मूर्तियां लगाने का निर्णय लिया था। संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा की अध्यक्षता में कमेटी ने तय किया कि कुम्हेर चौराहे पर महाराजा सूरजमल, बैलारा चौराहे पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और नगर चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्ति लगाई जाएगी। लेकिन, स्थानीय लोगों की मांग है कि महाराजा सूरजमल की प्रतिमा बैलारा चौराहे पर लगे, क्योंकि यह नदबई का मुख्य चौराहा है। लोगों ने धरना-प्रदर्शन कर प्रशासन के सामने अपनी मांग भी रखी थी। पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह के आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना खत्म किया था।
लेकिन, मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बाद में बयान जारी कर कहा कि बैलारा चौराहे पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर और डेहरा मोड चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाएगी। इस बात से गुस्साएं लोगों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। बुधवार देर रात तक ग्रामीणों ने जमकर उत्पाद मचाया। लोगों ने जाम लगाने के साथ की आगजनी और पुलिस की गाड़ियों पर भी पथराव किया। हालांकि, अब स्थिति नियंत्रण में है। लेकिन, गांव में आज भी हालात तनावपूर्ण बने हुए है।