विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस का प्लान, रंधावा ने 3 सह प्रभारियों को सौंपी 11--11 जिलों की जिम्मेदारी
Rajasthan Assembly Election : जयपुर। प्रदेश कांग्रेस विधानसभा चुनावों में जिम्मेदारी बांटते हुए अब धरातल पर मजबूती से काम करेगी। इसके लिए कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश में लगाए तीन सह प्रभारियों को जिम्मेदारी बांटते हुए रणनीति तैयार करने की जिम्मेदारी दी है। रंधावा ने रविवार को जयपुर से दिल्ली रवाना होने से पहले तीनों सह प्रभारियों को 11-11 जिलों की जिम्मेदारी दी। रंधावा को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी देने के बाद एआईसीसी ने तीन सह प्रभारी नियुक्ति की है।
सह प्रभारियों को जिम्मेदारी देने के बाद रंधावा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का राजस्थान में सरकार रिपीट करना मुख्य उद्देश्य है। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आगे आकार मेहनत कर रहे हैं। इससे यह साफ होता है कि प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार रिपीट होगी। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में भी माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। इसका असर भाजपा नेताओं की बौखलाहट के रूप में देखा जा रहा है।
तीनों सह प्रभारियों के काम का किया बंटवारा
रविवार को दिल्ली रवाना होने से पहले सुखजिंदर सिंह रंधावा ने तीनों सह प्रभारियों के काम का बंटवारा करते हुए हर सह प्रभारी को 11-11 जिलों की जिम्मेदारी दी है। सह प्रभारी अमृता धवन को जयपुर, अलवर, सीकर, दौसा, करौली, भरतपुर, धौलपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा की जिम्मेदारी दी गई है। जबकि काजी निजामुद्दीन को उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालोर, सिरोही, प्रतापगढ़, बारां, भीलवाड़ा, चित्तौड़, झालावाड़ और राजसमंद की जिम्मेदारी दी है। इसी प्रकार वीरेंद्र सिंह राठौड़ को गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, झुंझुनू, चूरू, नागौर, अजमेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर और पाली की जिम्मेदारी दी गई है।
रंधावा ने कांग्रेस को बताया राम, भाजपा की रावण से की तुलना
प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा के बीच राम और रावण को लेकर चल रही बयानबाजी के बीच प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह ने भाजपा को रावण बताकर आड़े हाथों लिया। रंधावा ने कहा कि कांग्रेस गरीब को सहायता देने का काम कर रही है। राम की हमेशा गरीब के हित की सोच रही है, जबकि रावण की सोच गरीब को दबाने की रही है। कांग्रेस महंगाई राहत शिविर लगाकर जरूरतमंदों और गरीबों को राहत देने का काम कर रही है, जबकि भाजपा इनका विरोध कर अपनी गरीब विरोधी सोच प्रकट कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा वाले जनाक्रोश रैली के नाम पर फिजूल का काम कर रहे हैं। वे महंगाई राहत शिविरों की सफलता को पचा नहीं पा रहे हैं। इसलिए ऐसी बयानबाजी कर रहे हैं।