Congress President Election: राहुल नहीं बने अध्यक्ष तो पार्टी के लिए राह आसान नहीं, 30 सितंबर को मिल जाएगा कांग्रेस को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष
Congress President Election: नई दिल्ली- कांग्रेस ने रविवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तिथि एक बार फिर घोषित तो कर दी, लेकिन पार्टी के असंतुष्ट माने जाने वाले नेता आनंद शर्मा ने जिस तरह से सवाल उठाए उससे कई तरह की आशंकाएं उठने लगी हैं। हालांकि कार्यसमिति की बैठक के बाद केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने दावा किया कि इस बार चुनाव तय तिथि पर हो जाएगा। पार्टी के सामने यूं तो चुनाव को लेकर कोई चुनौती नहीं है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कांग्रेस की कमान कौन संभालेगा? पार्टी ने पहले से भारत जोड़ो जैसे कार्यक्रम की घोषणा की हुई है। इसकी अगुवाई राहुल गांधी करेंगे।
यह साफा इशारा है कि अगर राहुल अध्यक्ष बनने को तैयार नहीं हुए तो फिर जो भी अध्यक्ष बनेगा वह एक तरह से प्रतीकात्मक ही होगा। फिर चुनाव को लेकर सवाल खड़े होंगे। राहुल आसानी से तैयार हो जाते हैं तो फिर कोई संकट ही नहीं है। अब पार्टी के भीतर यही बड़ा संकट बना है, अगर राहुल नहीं बनते हैं तो क्या होगा। नाम कई हैं राजस्थान के मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खड्गे, अबिका सोनी, मुकुल वासनिक और सुशील कुमार शिंदे आदि। कार्यक्रम के हिसाब से तो यह तय है कि सितंबर में ही नाम वापसी वाले दिन ही पार्टी को नया अध्य्क्ष मिल जाना चाहिए। बशर्ते कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा के पीसीसी डेलिगेटों के चुनावों पर उठाए सवालों को लेकर कोई अड़चन न आ जाए।
सूत्रों की मानें तो शर्मा ने एक तरह दो प्रदेश डेलिगेट के चुनावों को फर्जी करार दिया, क्योंकि ब्लाॅकों के चुनाव पूरी तरह से हुए ही नहीं। दूसरा, डेलिगेट की सूची जारी न होने पर भी सवाल उठाए। इस पर मधुसूदन मिस्त्री ने कहा कि जो चुनाव लड़ेगा उसे सूची उपलब्ध करवा दी जाएगी। शर्मा इन दिनों कांग्रेस से नाराज चल रहे है और आजाद के इस्तीफे के बाद से बराबर उनके संपर्क में हैं।
अधिकतर वरिष्ठ नेता चाहते हैं राहुल गांधी ही बनें अध्यक्ष
पीसीसी डेलिगेट्स द्वारा अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है उसके हिसाब से तो राहुल गांधी के नाम के सबसे ज्यादा प्रस्ताव आ रहे हैं, अधिकतर नेता चाहते है कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद को सम्भालें, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो यहां तक भी कह चुके हैं कि अगर राहुल अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो कई लोग घर पहुंच जाएंगे।
सितंबर में ही हो जाएगा अध्यक्ष का फैसला
चुनाव भले ही अक्टूबर में हो, लेकिन कांग्रेस को अपना अगला अध्यक्ष सितंबर माह में ही मिल जाएगा। सूत्रों की मानें तो सर्वसम्मति से एक ही नामांकन किया जाएगा और कांग्रेस का निर्विरोध अध्यक्ष चुना जाएगा। चुनाव कार्यक्रम के अनुसार नवरात्रि में 24 से 30 सितंबर तक नामांकन होंगे। अगर एक ही ने पर्चा दाखिल किया तो फिर नया अध्यक्ष तय हो जाएगा। एक अक्टूबर को उसे घोषित कर दिया जाएगा। चुनाव तक नौबत ही
नहीं आएगी।
अगर राहुल नहीं मानते तो कौन बन सकता है अध्यक्ष!
यह सवाल बहुत अहम है कि अगर राहुल गांधी आखिर तक भी अध्यक्ष नहीं बनते तो अध्यक्ष पद के लिए किस नाम पर सहमति बनेगी तो ऐसे में कई नाम चर्चाओं में हैं, जिनमें प्रमुख नाम राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही मल्लिकार्जुन खड्गे, अंबिका सोनी, मुकुल वासनिक के नाम प्रमुख हैं।
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