होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

अब मसूदा से कांग्रेस विधायक राकेश पारीक ने अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठने की दी चेतावनी  

01:23 PM Apr 26, 2023 IST | Jyoti sharma

कुछ ही समय में राजस्थान चुनावों में जाने वाला है लेकिन इससे पहले कांग्रेस के लिए आए दिन नई नई मुसीबतें खड़ी हो रही है। सचिन पायलट के अनशन के बाद अब कांग्रेस विधायक राकेश पारीक ने धरना देने का ऐलान किया है। उन्होंने मसूदा को अजमेर जिले में ही रखने की मांग की है और यह भी कहा है कि अगर मांग नहीं मानी गई तो वे धरने पर बैठ जाएंगे।

अजमेर में ही रखा जाए मसूदा

दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जब से नए जिलों की घोषणा की है। तभी से कई तहसीलों को उन जिलों में विस्थापित करने की भी योजना बनाई है। इसे लेकर ही कई विधायकों और यहां तक कि उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों ने भी विरोध जताया है। इसी क्रम में अजमेर में स्थित मसूदा को मुख्यमंत्री के घोषित नए जिले के कड़ी में विस्थापित किए जाने का विरोध राकेश पारीक ने किया है। 

वन टू वन संवाद में भी बताई थी समस्या

उन्होंने कहा कि जब वन टू वन  संवाद हुआ था, तब उन्होंने जिले के इन सीमाओं के बारे में भी बताया था। मैंने मुख्यमंत्री से निवेदन भी किया था कि आप मसूदा विधानसभा क्षेत्र की जनता से बात करें कि वह किस तहसील को किस जिले में रखना चाहते हैं। इसके बाद ही कोई फैसला लिया जाए। जनता के मुताबिक ही सीमाओं का विस्थापन किया जाए लेकिन मेरी बात को सुना नहीं गया।

राकेश पारीक ने इस संबंध में जिला कलेक्टर अंशदीप को ज्ञापन दिया है और कहा कि सीएम ने केकड़ी में अतिरिक्त जिला कलेक्टर का नया ऑफिस बनाया है, इसमें भिनाय, विजयनगर और मसूदा को शामिल किया गया है। मसूदा में रहने वाले लोग खुद ही मांग उठा रहे हैं कि इस विधानसभा के तीनों तहसीलों को केकड़ी में शामिल नहीं किया जाए। इसे अजमेर में ही रखा जाए।

मांग पूरी नहीं तो धरना प्रदर्शन

राकेश पारीक ने कहा कि मसूदा से केकड़ी 100 किलोमीटर की दूरी पर है और विजयनगर से केकड़ी 80 किलोमीटर की दूरी पर है। मसूदा से अजमेर बेहद कम समय और कम दूरी में पहुंचा जा सकता है बजाय केकड़ी के और केकड़ी में जाने के लिए कोई साधन भी नहीं मिलता है, जिससे लोगों को परेशानी होती है। इस समस्या से बचाने के लिए मैंने मसूदा को अजमेर में ही रखने की मांग की है इसी को लेकर ज्ञापन भी दिया है।

राकेश पारीक ने कहा कि अगर इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तो फिर मैं मसूदा की जनता के साथ धरने पर बैठ जाऊंगा। जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।

Next Article