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कांग्रेस में आदिवासियों को नहीं मिला सम्मान…विधायक का हुआ मोह भंग, महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने थामा बीजेपी का दामन

04:25 PM Feb 19, 2024 IST | Sanjay Raiswal

Mahendrajeet Singh Malviya News: राजस्थान में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। काफी अटकलों के बाद चार बार के विधायक और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली पिछली सरकार में मंत्री रहे आदिवासी नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी की मौजूदगी में महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।

महेंद्रजीत मालवीय ने विधायक पद से दिया इस्तीफा

बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने के बाद महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। भाजपा में शामिल होने के बाद महेंद्रजीत सिंह मालवीय ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से मुझे एक दिन पहले दिल्ली ले जाया गया था। दिल्ली जाकर हमने अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उन्होंने आगे कहा कि अमित शाह और जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद मैंने बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया।

मालवीय ने अपने भाषण में कहा कि अपने जीवन की शुरुआत विद्यार्थी परिषद से की थी। 50 किलोमीटर पैदल चलकर विद्यार्थी परिषद को ज्वाइन करने पहुंचा था। विद्यार्थी परिषद से मिले संस्कारों की वजह से राजनीति में इतना लंबा सफर आगे तक तय किया है।

कांग्रेस से उठा विश्वास

महेंद्र मालवीय ने आगे कहा कि 22 जनवरी को कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में न जाकर सनातन धर्म के साथ-साथ सनातन को मानने वालों का दिल तोड़ दिया। मेरा भी कांग्रेस पार्टी से विश्वास उसी दिन उठ गया, जिस दिन उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में जाने से इनकार किया।

मानगढ़ धाम पर दी कुर्बानियां व्यर्थ नहीं जाएगी

मालवीय ने आगे कहा कि जब अंग्रेजों द्वारा साल 1913 में मानगढ़ धाम पर गोलियां चलाई गई थी, तब से आज तक मानगढ़ धाम के लोग सिर्फ इंतजार कर रहे थे कि कुछ होगा। परंतु जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानगढ़ धाम पहुंचे तो उन्होंने मानगढ़ धाम के लोगों को यह विश्वास दिलाया और उनमें एक आशा की किरण जागी कि अब मानगढ़ धाम का पूरे देश में नाम होगा और मानगढ़ धाम पर दी हुई कुर्बानियां अब व्यर्थ नहीं जाएगी।

मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा मिलेगा

मालवीय ने कहा कि यह सिर्फ नरेंद्र मोदी की सोच है कि वह मानगढ़ धाम पहुंचे और आदिवासियों को सम्मान दिया। मालवीय ने कहा, अब मुझे पूरा यकीन है मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा जरूर मिलेगा। मालवीय ने आगे कहा कि सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही देश में विकास की गंगा बहा रहे हैं और प्रधानमंत्री ही देश में आदिवासी और पिछड़ों का भला कर सकते हैं। इसलिए मैंनें कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया।

आदिवासी बेल्ट का बड़ा चेहरा हैं मालवीय

बता दें कि महेंद्रजीत सिंह मालवीय कांग्रेस का बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता है जिनके पास लंबा राजनीतिक अनुभव है और आदिवासी बेल्ट में वह सरपंच से लेकर, प्रधान, विधायक और सांसद का चुनाव लड़े हैं। वहीं मालवीय दक्षिणी राजस्थान खास तौर पर बांसवाड़ा-डूंगरपुर में जनता के बीच काफी फेमस है।

दरअसल मालवीय कांग्रेस से करीब 35 साल से अधिक समय से जुड़े रहे थे। जहां उनका सफर कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI से शुरू हुआ था जिसके बाद वह युवा कांग्रेस के सदस्य भी रहे। इससे पहले मालवीय गहलोत की दो सरकारों में मंत्री रहे हैं और बीते दिनों ही कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी का मेंबर बनाया था।

कांग्रेस से क्यों हुआ मालवीय का मोह भंग?

गौरतलब है कि हाल में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था जहां कांग्रेस 70 सीटों पर सिमट गई थी। इसके बाद मालवीय के नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की चर्चा चल रही थी लेकिन आखिरकार टीकाराम जूली का नाम फाइनल हुआ। इसके बाद जानकारी मिली कि मालवीय आदिवासी अंचल से किसी नेता को भी राज्यसभा नहीं भेजे जाने निराश थे। वहीं इसके बाद उनके मन में मलाल था कि कांग्रेस आलाकमान से उनको मिलने का समय नहीं मिला हालांकि वो सीडब्ल्यूसी सदस्य की हैसियत से मिलना चाहते थे। बता दें कि मालवीय ने कई दिनों से दिल्ली में डेरा डाल रखा था जहां केसी वेणुगोपाल ने उनको मिलने का समय दिया लेकिन बमुश्किल दो-तीन मिनट तक ही मुलाकात हुई। इधर मालवीय लगातार कुछ दिनों से बीजेपी के थिंक टैंक के संपर्क में थे।

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