आम जनता के बाद अब कृषि वर्ग को रिझाने की तैयारी में कांग्रेस, 26 अप्रैल को होने वाला किसान महासम्मेलन बता रहा है सियासी तस्वीर
राजस्थान के विधानसभा चुनाव के लिए 5-6 महीने ही बाकी हैं। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां अपनी चुनावी रणनीति को धार देने में लगी हुई हैं। इसी के तहत राजस्थान की कांग्रेस सरकार अपनी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा तो उठा ही चुकी है। अब वह किसानों को भी साधने की जुगत में है। इसके तहत बीकानेर में राजस्थान सरकार किसान महासम्मेलन का आयोजन कर रही है। जिसमें सुबह के मुखिया अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा समेत सरकार के लगभग सभी मंत्री हिस्सा लेंगे।
26 अप्रैल को जसरासर गांव में होगा सम्मेलन
26 अप्रैल को बीकानेर के जसरासर गांव में यह किसान महासम्मेलन आयोजित किया जाएगा। सम्मेलन के लिए सभी तैयारियां लगभग अंतिम चरण पर हैं। क्षेत्र के विधायक, कार्यकर्ता, विभाग से संबंधित मंत्री अधिकारी इन तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। कांग्रेस का यह किसान सम्मेलन कितने बड़े स्तर पर हो रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा रहा है कि इस सम्मेलन में हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल होंगे।
लगभग सभी मंत्रियों का और लगभग सभी विधायकों का इस सम्मेलन में शामिल होना इसकी महत्ता को दर्शा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान एग्रो इंडस्ट्री के चेयरमैन रामेश्वर डूडी के नेतृत्व में किया जा रहा है।
1 लाख से ज्यादा किसान होंगे शामिल
जानकारी मिल रही है कि इस किसान सम्मेलन में करीब करीब 1 लाख से ज्यादा किसान हिस्सा लेंगे। रामेश्वर डूडी तो पहले भी कह चुके हैं कि यह सम्मेलन किसानों को होगा, मंच किसानों का होगा, बातें किसानों की होंगी और मुद्दा भी किसानों का होगा। ऐसे में तस्वीर साफ है कि गहलोत सरकार आमजन के साथ-साथ किसानों को भी रिझाने में भरपूर कोशिश कर रही है। अपनी कृषि योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए यह एक बड़ा मंच साबित हो सकता है। जो विधानसभा चुनाव के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।
कर्जामाफी और फ्री बिजली अहम किरदार
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कई मौकों पर कई मंचों से किसानों के लिए किए गए वादे, घोषणाएं और बजट में दिए गए उनके ऐलान को बताते रहते हैं। जिसमें सबसे अहम किसानों की कर्जा माफी और दो हजार यूनिट तक की फ्री बिजली है। हालांकि कांग्रेस सरकार किसानों को कितना रिझा पाती है यह तो विधानसभा चुनाव के नतीजों में ही पता चलेगा लेकिन जिस तरह से कांग्रेस किसानों के लिए खास रणनीति के तहत काम कर रही है उससे भाजपा को थोड़ी तो परेशानी होने वाली है। जिसका इलाज वो शायद जल्द ही करेगी।