होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

सरकार की नई गाइडलाइन से कोटा कोचिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका! क्या मासूमों के सुसाइड पर लगेगी लगाम?

11:15 AM Jan 19, 2024 IST | Avdhesh

New Guidelines For Coaching Centers: केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने देशभर के कोचिंग संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है जिसमें ऐसे कई आदेश हैं जो छात्रों के लिए बड़ी राहत का काम कर सकते हैं. न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2000 के तहत जारी हुई गाइडलाइन फॉर रजिस्ट्रेशन रेगुलेशन कोचिंग सेंटर 2024 के मुताबिक 16 की उम्र से कम के स्टूडेंट्स को कोचिंग में एडमिशन नहीं देने और कक्षा 10वीं के बाद ही छात्र कोचिंग में जा सकता है. कोचिंग संस्थानों के लिए आई इन गाइडलाइंस के बाद सबसे ज्यादा चर्चा राजस्थान को कोचिंग हब कोटा की हो रही है जहां माना जा रहा है कि इन गाइडलाइन से कोटा की कोचिंग इंडस्ट्री को बड़ा झटका लग सकता है.

वहीं कोटा का जिक्र इसलिए भी कि यहां पूरे देश से कोचिंग करने के लिए छात्र पहुंचते हैं लेकिन आत्महत्या करने वाले स्टूडेंट की संख्या भी कोटा में ही हैरान करने वाली है. ऐसे में बढ़ने आत्महत्या के मामलों को देखते हुए ही कोचिंग संस्थानों के लिए ये बंदिशें लगाई गई हैं. आइए समझते हैं कि कोटा में इन गाइडलाइंस का क्या फर्क देखने को मिल सकता है.

कोचिंग हब कोटा की बदल जाएगी सूरत!

मालूम हो कि कोटा कोचिंग हब है जहां लाखों की तादाद में देशभर के बच्चे पढ़ने आते हैं और अब नई गाइडलाइंस के तहत कोटा के भी कोचिंग सेंटर्स रेगुलेशन में आएंगे. हालांकि केन्द्र सरकार की गाइडलाइन में ज्यादातर पाइंट राज्य की गाइडलाइन के तहत पहले से वहां लागू है लेकिन 16 साल से कम के स्टूडेंट के लिए कोचिंग में रजिस्ट्रेशन नहीं होने का बिंदु काफी अहम माना जा रहा है.

बता दें कि कोटा में वर्तमान में डेढ़ लाख बच्चे पढ़ाई करते हैं जिनमें बीस हजार से पच्चीस हजार करीब स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिनकी उम्र 16 साल से कम है. वहीं कोटा में बच्चे 11, 12वीं और उसके बाद कोचिंग के लिए बच्चे आते हैं लेकिन इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना देखने वाले कुछ पेरेंटस आजकल कक्षा 6 में ही बच्चों का कोचिंग में एडमिशन करवा रहे हैं.

कोटा में कक्षा 6 में ही आ जाते हैं छात्र

बता दें कि कोटा में क्लास 6 से लेकर 10 तक के छात्र पढ़ने के लिए आते हैं जहां मेडिकल और इंजीनियरिंग एंट्रेंस की तैयारी करने के लिए आने वाले कितने ही छात्रों की उम्र 16 साल से भी कम होती है. आंकड़ों को देखें तो में ऐसे बच्चों की संख्या करीब 30 फीसदी के आसपास है. इन बच्चों का यहां के स्कूलों में एडमिशन होता है और पूरी पढ़ाई कोचिंग में करवाई जाती है.

राज्य सरकार की गाइडलाइन है पहले से लागू

वहीं बीते साल सितंबर महीने में राज्य सरकार की जारी की गई गाइडलाइन के जैसी ही ये नई गाइडलाइन है जहां 5 दिन पढ़ाई, त्योहार पर छुट्टी, कम उम्र के बच्चों को एडमिशन नहीं, सिलेक्शन के दावे पर रोक, हर 3 महीने में पेरेंट्स टीचर मीटिंग, सीसीटीवी सर्विलेंस, स्टूडेंट की अटेंडेंस पर पूरी नजर और फीस रिफंड सहित कई नियम शामिल थे.

Next Article