जयपुर में CM मोहन…मध्य प्रदेश-राजस्थान के बीच जल बंटवारे पर होगी चर्चा! जानें-क्या है ERCP परियोजना?
MP CM Mohan Yadav Jaipur Tour : जयपुर। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज जयपुर दौरे पर है। सीएम मोहन यादव मुख्यमंत्री आवास पर सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच लोकसभा चुनाव की तैयारियों के साथ-साथ ईआरसीपी पर चर्चा संभव है। जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव विशेष विमान से सुबह 11.15 बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचे। जहां से सीएम आवास के लिए रवाना हुए। जहां पर एमपी के सीएम मोहन राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा के साथ शिष्टाचार मुलाकात करेंगे। इस दौरान लोकसभा चुनाव के साथ ईआरसीपी पर भी चर्चा संभव है। इसके बाद दोनों मुख्यमंत्री आज शाम तक दिल्ली के लिए रवाना होंगे। जहां पर दोनों मुख्यमंत्री ईआरसीपी को लेकर हुई चर्चा का ब्यौरा आलाकमान के सामने रखेंगे।
गौरतलब है कि पिछले काफी समय से मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल बंटवारे को लेकर मामला चल रहा है। गहलोत राज में जल बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई थी। ऐसे यह तो साफ है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव आज जब मुख्यमंत्री आवास पर मुलाकात करेंगे तो दोनों नेताओं के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है, ताकि 13 जिलों के लिए जीवनदायिनी ईआरसीपी परियोजना को लेकर धरातल पर काम शुरू हुआ सकें और प्रदेशवासियों को राहत मिल सकें।
बता दें राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद से राजस्थान की लाइफ लाइन ईआरसीपी परियोजना को लेकर कवायत तेज हो गई थी। पिछले महीने ही ईआरसीपी को लेकर दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय में अहम मीटिंग हुई थी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में राजस्थान और मध्य प्रदेश के अधिकारी शामिल हुए थे। इस दौरान दोनों राज्यों के बीच ईआरसीपी को लेकर सहमति बनी थी। ऐसे में अब दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच आज जयपुर में ईआरसीपी पर चर्चा होगी और फिर दोनों मुख्यमंत्री दिल्ली के लिए रवाना होंगे। माना जा रहा है कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री एमओयू के लिए दिल्ली जाएंगे, जहां दोनों राज्यों के बीच में समझौता हो सकता हैं।
क्या है ईआरसीपी परियोजना?
ईआरसीपी योजना राजस्थान की लाइफ लाइन है। इस योजना से राजस्थान के 13 जिलों में रहने वाले लोगों की प्यास बुझाई जा सकती है। इसके अलावार 13 जिलों में 26 विभिन्न बड़ी व मध्यम परियोजनाओं के जरिये 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई के लिए जल उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के शुरू होने से झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, करौली, अलवर, भरतपुर, दौसा और धौलपुर जिलों के लोगों को काफी फायदा होगा। वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली तत्कालीन बीजेपी सरकार ने साल 2017 में ईआरसीपी पर काम शुरू किया था, तब 37,237 करोड़ रुपए की लागत का अनुमान था। कांग्रेस राज में ईआरसीपी पर करीब 1600 करोड़ खर्च किए जा चुके हैं। लेकिन, देरी के चलते ईआरसीपी की लागत अब 45,000 करोड़ तक पहुंच गई है।