सीएम गहलोत का अब कानून व्यवस्था और चुस्त दुरुस्त करने पर जोर
नई दिल्ली। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) बीजेपी के एक मात्र ‘मुद्दे महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था’ की हवा निकालने की तैयारी में दिख रहे हैं। उदयपुर में मुख्यमंत्री गहलोत ने बलात्कारियों को लेकर जिस तरह आक्रामक बयान दिया, उससे यह संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत की चुनावी साल में यही कोशिश है कि कानून व्यवस्था को और चुस्त दुरुस्त किया जाए, जिससे विपक्ष को पूरी तरह से मुद्दाविहीन किया जा सके।
इसमें कोई दो राय नही है कि मुख्यमंत्री गहलोत की जनकल्याणकारी योजनाओं ने बीजेपी समेत पूरे विपक्ष को मुद्दाविहीन बना दिया। विपक्ष के पास सरकार को घेरने के लिये एक भी मुद्दा नहीं बचा है। पहली बार ऐसा हो रहा कि न तो मुख्यमंत्री के खिलाफ और ना ही सरकार के खिलाफ चुनाव साल में किसी प्रकार का कोई नकारात्मक माहौल है। आमजन मुख्यमंत्री की जनकल्याणकारी योजनाओं से खुश है।
सरकारी कर्मचारियों में उत्साह
सरकारी कर्मचारियों में तो पुरानी पेंशन योजना बहाली से उत्साह का माहौल है। वे अभी से सरकार की वापसी में जुट गए हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि बीजेपी की केंद्र सरकार ओपीएस के खिलाफ है। इसलिए सरकारी कर्मचारी सरकार वापसी चाहता है। आमजन संजीवनी स्वास्थ्य योजना के लाभ से खुश है। शहरी बेरोजगार इंदिरा गांधी रोजगार गारंटी का लाभ ले रहा है। किसान कर्जा माफी और बिजली बिल शून्य आने से कांग्रेस के साथ खड़ा है। 8 रुपए में खाना, जल्द ही आम गरीब आदमी को 500 का गैस सिलेंडर की घोषणा ने बीजेपी को और चिंता में डाल दिया।
बजट को लेकर भी बीजेपी परेशान
अभी मुख्यमंत्री गहलोत बजट लाएंगे। बजट को लेकर जो संकेत मिल रहे हैं, उससे बीजेपी और परेशान है। युवाओं, युवतियों के लिए बजट में बहुत कुछ आ सकता है। मतलब बीजेपी के पास कोई मुद्दा बचा ही नहीं है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने महंगाई और बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बना बीजेपी की परेशानी और बढ़ा दी है।
ईआरसीपी पर घेरा केंद्र सरकार को
पूर्वी नहर योजना को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर बीजेपी को पूरी तरह से मुद्दाविहीन बना दिया। ले देकर बीजेपी कानून व्यवस्था और महिलाओं की सुरक्षा को हथियार बना गहलोत सरकार को दिल्ली से लेकर जयपुर तक घेरती है। मुख्यमंत्री गहलोत को भी आभास है कि बीजेपी सुरक्षा व्यवस्था को मुद्दा बना आंकड़ों से खेलेगी, जबकि सच्चाई यह है राजस्थान पहला राज्य है जहां पर पुलिस थानों में आमजन के लिए स्वागत कक्ष खोले गए हैं।
इसके चलते आम आदमी का पुलिस पर विश्वास बढ़ा है और लोग बेझिझक रिपोर्ट दर्ज कर रहा है। इससे आंकड़े बढ़े दिख रहे हैं। गहलोत की अब इस कोशिश में है पुलिस एक्शन में दिखे। अपराधियों को संदेश दे भय पैदा किया जाए। इसलिए गहलोत आने वाले दिनों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर और कड़े निर्देश दे सकते हैं, ताकि बीजेपी कानून व्यवस्था को भी मुद्दा न बना पाए।
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