CM गहलोत का बड़ा एक्शन, IAS गौरव अग्रवाल APO, पेपरलीक के आरोपी शेरसिंह का किया था प्रमोशन
IAS Gaurav Agarwal APO : जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) शिक्षक भर्ती पेपर लीक के आरोपी शेरसिंह मीणा के प्रमोशन मामले में गहलोत सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग की गलती को गंभीरता से लेते हुए आईएएस गौरव अग्रवाल को एपीओ कर दिया है। हालांकि, पेपर लीक के आरोपी शिक्षक की पदोन्नति का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने अपनी गलती सुधारते हुए रविवार को पदस्थापन आदेश को निरस्त कर दिया था। लेकिन, गहलोत सरकार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए अब गलती करने वाले आईएएस गौरव अग्रवाल को एपीओ कर दिया है। शिक्षा विभाग की लापरवाही का मामला सामने आने के बाद संयुक्त शासन सचिव ने सोमवार को आदेश जारी कर आईएएस गौरव अग्रवाल को एपीओ किया है।
ये है पूरा मामला
बता दें कि शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक में अनिल उर्फ शेरसिंह मीणा को प्रमोट कर दिया था। जबकि शेरसिंह टीचर भर्ती पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड है। आरोपी शेरसिंह मीणा को वाइस प्रिंसिपल से प्रिंसिपल पद पर प्रमोट किया गया था। हालांकि, लापरवाही का यह मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने अपनी गलती में सुधार किया। निदेशक गौरव अग्रवाल ने रविवार को छुट्टी के दिन आनन-फानन में आदेश जारी कर पदस्थापन आदेश को निरस्त कर दिया था। लेकिन, शिक्षा विभाग की इस गलती के कारण प्रदेश सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। इसका नतीजा यह निकला कि गहलोत सरकार ने सोमवार को आदेश जारी कर लापरवाही बरतने वाले आईएएस गौरव अग्रवाल को एपीओ कर दिया।
कौन है आरोपी शेरसिंह?
शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले का मास्टरमाइंड अनिल मीणा उर्फ शेरसिंह मीणा अभी जेल में बंद है। आरोपी मीणा ने ही आरपीएससी के सदस्य बाबूलाल कटारा से 60 लाख रुपए में पेपर खरीदा था। इसके बाद शेरसिंह ने 80 लाख रुपए में भूपेंद्र सारण को पेपर बेचा था। आरोपी पर पुलिस ने एक लाख रुपए का ईनाम रखा था। एसओजी ने आरोपी शेरसिंह को ओडिशा से गिरफ्तार किया था। पेपर लीक मामले में नाम सामने आने के बाद वह काफी दिनों से छिपा हुआ था और ओडिशा के भवानीपटनम से 40 किमी दूर एक गांव में राजस्थानी मजदूर बनकर रह रहा था। लेकिन, गर्लफ्रेंड से हुई पूछताछ के बाद शेरसिंह एसओजी की गिरफ्त में आ गया था। आरोपी शेरसिंह मीणा चौमूं के दोला का बास का रहने वाला है और आबूरोड के भावरी स्वरूपगंज में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत था। लेकिन, पेपर लीक में मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने उसे पद से हटा दिया था।