CM गहलोत का विरोधियों पर प्रहार, बोले-जो पार्टी के प्रति लॉयल नहीं होते वो कभी कामयाब भी नहीं होते
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि पार्टी के प्रति ईमानदार होना बहुत जरूरी है। जो कभी पार्टी के प्रति लॉयल नहीं होतेवे कभी कामयाब भी नहीं होते। मैंने हमेशा सभी का सम्मान करते हुए सबको साथ लेकर चलने का काम किया, यही कारण रहा कि मुझे पार्टी और सोनिया गांधी ने मौका दिया। यह लोकतंत्र है, हमें सभी को साथ लेकर चलना होता है।
उन्होंने गुरुवार को यहां पूर्व राज्यपाल नवल किशोर शर्मा की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में कहा कि शांति धारीवाल यहां मंच पर बैठे हुए हैं, ये मेरे खिलाफ थे, लेकिन फिर भी मैंने अपने मंत्री बनाने का ऑफर सबसे पहले इन्हीं को दिया। हमने हर उस व्यक्ति को मौका दिया है जो कांग्रेस का है। मैंने 1998 में चुन-चुन कर उन सब को मौका दिया, चाहेवो किसी के भी आदमी हों, चाहे कांग्रेस के हों, सोनिया गांधी के हों, हाईकमान का हो, किसी का भी हो। मैंने ‘लाइन को बड़ा खींचो ना कि किसी की काटो’ वाली कहावत पर काम किया। उन्होंने कहा कि सबको साथ लेकर चलनेवाला ही कामयाब होता है, जो अकेला चलता है। वह गुटबाजी पैदा करता है, अपने-पराए की बात करता है वह कभी भी कामयाब नहीं हो सकता।
धर्म के नाम पर हो रही राजनीति
गहलोत ने भाजपा और आरएसएस के साथ कें द्र की मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा आज देश में यह लोग धर्म के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जब नाथद्वारा के दौरे में आए थे तब मैंने कहा था कि देश में विपक्ष का भी सम्मान होना चाहिए। प्रधानमंत्री अपने बयानों में कहते हैं कि विपक्ष सभी भ्रष्टाचारियों का गिरोह बन गया है, क्या इस प्रकार की भाषा विपक्ष के नेताओं के लिए उचित है। जानबूझकर एक धर्म को दिखाने के लिए ये मुस्लिमों को टिकट नहीं देते। अभी तो ये हिंदुओं को अच्छा लगता होगा, लेकिन मैं उन लोगों को कहना चाहूंगा, इससे देश का फ्यूचर सुरक्षित नहीं रहेगा। हमने हिटलर, मुसोलिनी की बातें सुनी हैं, वो भी धर्म की राजनीति करते-करते तानाशाह बन गए और जर्मनी और इटली को बर्बाद कर दिया।
केन्द्र सरकार कानून बनाकर लागू करे सामाजिक सुरक्षा
सीएम गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती केन्द्र सरकारों द्वारा शिक्षा, खाद्य सुरक्षा, सूचना एवं रोजगार के अधिकार आमजन को कानून बनाकर दिए गए। इसी प्रकार वर्तमान केन्द्र सरकार को भी कानून बनाकर बुजुर्गों, निशक्तजनों, महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार देना चाहिए। इससे वे सम्मान के साथ जीवन निर्वाह कर सकेंगे।