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सियासी संकट पर पहली बार खुलकर बोले सीएम अशोक गहलोत, '102 विधायकों का ध्यान रखना मेरी जिम्मेदारी'

12:40 PM Oct 02, 2022 IST | Jyoti sharma

आज गांधी जयंती के अवसर पर राजधानी में कई कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। सीएम अशोक गहलोत कार्यक्रमों में शामिल हुए। सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि पूरे देश में एकमात्र राज्य राजस्थान है जहां शांति व अहिंसा का विभाग बना है। यह पहले निदेशालय था अब इसे विभाग में बदला गया है। संयुक्त राष्ट्र संघ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस मनाने का प्रस्ताव पारित हुआ था। सीएम गहलोत ने कहा कि आज पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है। देश में हिंसा का माहौल है। राहुल गांधी की यात्रा भी इसी उद्देश्य से निकाली जा रही है। लोगों को शांति-सद्भाव से रहने लिए राहुल गाँधी इस यात्रा के जरिए अपने संदेश को देश की जनता तक पहुंचा रहे है।

‘पीएम क्यों नहीं करते देश से अपील’

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी ने जो अहिंसा की यात्रा चलाई है वह अनवरत चलती ही रहे हमारी यही कोशिश रहेगी। लेकिन मेरा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल है कि वे बात-बात पर ने देश वो संबोधित करते हैं लेकिन वे देश में फैले इस हिंसा के माहौल में क्यों नहीं देश को संबोधित करते। क्यों वे देश की जनता को नहीं बोलते कि हिंसा से प्रेम-सद्भाव से रहें। देश में इतनी महंगाई है कि मध्यमवर्ग तो परेशान है लेकिन गरीबी में जीने वालों के लिए दो जून की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है। अमीर-गरीब की खाई बढ़ती जा रही है। अमीर और अमीर होता जा रहा है तो गरीब औऱ गरीब होता जा रहा है।

‘खड़गे ही जीतेंगे अध्यक्ष पद का चुनाव’

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उन्होंने कहा कि चुनाव भले ही खड़गे और थरूर के बीच है। लेकिन जो अनुभव मल्लिकार्जुन खड़गे के पास है वह शशि थरूर के पास नहीं है। तो स्वाभाविक रूप से मल्लिकार्जुन खड़गे की एकतरफा जीत होगी। राजस्थान की सियासत को लेकर हुए सवाल पर अशोक गहलोत ने कहा कि मैं तो सिर्फ मेरा काम कर रहाहूं, बाकी का फैसला हाईकमान करेगा। मैंने सोनिया गांधी से जाकर कहा है कि 50 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि हम एक लाईन का प्रसातव नहीं पास करा पाए। इस बात का दुख हमेशा रहेगा। इसके लिए मैंने सोनिया गांधी से माफी भी मांगी है।

‘गहलोत नहीं भरे फॉर्म हमें मतलब नहीं है’

सभी को पता है और यह हमारी पार्टी का कि जो पर्यवेक्षक बनकर आते हैं वो हाईकमान की तरफ से आते हैं। लेकिन इस दिन हालात कुछ ऐसे बन गए थे कि मेरी बात भी विधायक नहीं मान रहे थे। लेकिन ऐसा क्यों हुआ इसपर रिसर्च की जरूरत है। जब PCC अध्यक्ष डोटासरा ने विधायकों को जाकर कहा कि आप बैठक में चलिए, तो सभी विधायकों ने गुस्से में बोल कि नहीं हमने तो इस्तीफा दे दिया हम अब बैठक में नहीं आएंगे। इस पर डोटासरा ने कहा कि अगर आप लोग ऐसा करेगें तो अशोक गहलोत अध्यक्ष पद का फॉर्म नहीं भरेंगे। तो विधायकों ने और गुस्से में कहा कि अशोक गहलोत फॉर्म नहीं भरें हमें कोई मतलब नहीं है, उन्होंने तो अपने आप को हमारा अभिभावक बताया था अब वे दिल्ली जा रहे हैं। अशोक गहलोत नेकहा कि जिन 102 लोगों ने मेरी सरकार बचाई, तो उन लोगों का दिल मैं कैसे तोड़ सकता हूं। ये मेरी भी जिम्मेदारी बनती है कि जो मैंने मेरे विधायकों से समर्थकों से वादा किया है उसे मैं पूरा करूं इसलिए मैंने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से मना कर दिया। मैं सभी पक्षों और हमारे सभी नेताओं को सोचना चाहिए कि ये हालात किस तरह यहां तक पहुंचे। आखिर इतना आक्रोश क्यों  पैदा हो गया विधायकों में। अगर हममें कुछ कमियां हैं, तो उन्हें दूर करने का प्रयास करना चाहिए। मेरा मानना है कि राजस्थान में चुनाव जीतना हमारे लिए बहुत आवश्यक है, राजस्थान जीतेंगे तो आगे चुनाव जीतेंगे।  

‘जनहित में कोई काम नहीं कर रही है केंद्र सरकार’

मोदी जी देश और दुनिया के अंदर तो दौरे कर रहे हैं, अमृत महोत्सव मना रहे हैं यहां पर आजादी का, अरे अमृत महोत्सव मनाने के लिए नौबत क्यों आई? क्योंकि कांग्रेस ने मुल्क को आजाद करवाया, पंडित नेहरू 10-12 साल तक जेलों में बंद रहे, मोती लाल नेहरू ने सबकुछ स्वराज भवन दे दिया, आनंद भवन दे दिया देश को, सब प्रॉपर्टी दान कर दी, दान क्या कर दी, देश को समर्पित कर दी, आप पंडित नेहरू को अलग हटाकर क्या अमृत महोत्सव मना सकते हो? इवेंट कर सकते हो क्योंकि खूब सरकारी धन का भी और बीजेपी के खुद के पास भी कोई कमी नहीं है, इलेक्टोरल बॉन्ड जो हैं वो देश को बर्बाद कर रहे हैं, अनफॉर्चूनेटली सुप्रीम कोर्ट को वक्त नहीं मिल रहा है, बहुत व्यस्त है वो, इसलिए वो इतने इम्पोर्टेंट इश्यू को भी फैसले नहीं कर पा रहे हैं, इलेक्टोरल बॉन्ड, 95 पर्सेंट मोर दैन 95 पर्सेंट पैसा जा रहा है उनके पास में, देश देख रहा है, सब बेबस हैं, पूरा मुल्क बेबस है जो हरकतें हो रही हैं देश के अंदर, ज्यूडीशियरी दबाव में है, सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी दबाव में है, धज्जियां उड़ रही हैं लोकतंत्र की, पत्रकार, साहित्यकार, लेखक जेल में जा रहे हैं, 2-2 साल तक पड़े रहते हैं।

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मीडिया के लिए कही ये बातें

मीडिया को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि हमारे खिलाफ कई डिस्कशन होते हैं। आप लेखक हैं, पत्रकार हैं, आप खुलकर बोलते हैं ये चीज मुझे अच्छी लगी। अब तो देश में ऐसे कई प्लेटफॉर्म बन गए हैं। उनमें से यूट्यूब का एक सबको लाभ मिल रहा है, ऐसे यूट्यूबर्स को मैं धन्यवाद दूंगा कि वो गांव-गांव में यूट्यूब चलाते हैं। लेकिन अगर वे गलतफहमी पैदा करेंगे तो वो ठीक नहीं है। हर मामले में मीडिया की बड़ी भूमिका होती है, इसे चौथा स्तंभ ऐसे ही नहीं माना जाता है। हम पॉलिटिशियन हैं, आप लोग भी रात-दिन एक करते हो।

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