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सीएम गहलोत ने सर्वसमाज प्रतिनिधिमण्डल से की चर्चा, कहा- संविधान की रक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य

09:27 AM Jan 13, 2023 IST | Supriya Sarkaar

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 75 वर्ष में देश में लोकतंत्र की जड़ें लगातार मजबूत हुई हैं। देश में मतदाताओं द्वारा चुनी गई सरकारें ही सत्ता में आई हैं। इसके विपरीत कई पड़ोसी देशों में सैन्य शासन स्थापित हुआ है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा रचित संविधान की मूल भावना के पालन से ही सुशासन स्थापित किया जा सकता है। संविधान की रक्षा प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। 

संविधान ने देश में महिलाओं को लोकतंत्र की स्थापना के साथ ही वोट का अधिकार दिया, जबकि कई विकसित देशों में इसमें काफी समय लगा। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की संचालित योजनाओं से समाज का हर वर्ग लाभान्वित हो रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर तबके को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी शिक्षा देने के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर मात्र 41 प्रतिशत लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा है।

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वहीं प्रदेश में 90 प्रतिशत लोगों को चिरंजीवी योजना के अन्तर्गत कवर किया गया है। राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के आयोजन से प्रदेश में एक नई खेल संस्कृति विकसित हुई है। गहलोत गुरुवार को सीएम निवास पर डूंगरपुर जिले से आए सर्वसमाज के प्रतिनिधिमण्डल को संबोधित कर रहे थे। प्रतिनिधिमण्डल ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

असहाय व जरूरतमंद को संबल देना संवेदनशील सरकार का कर्तव्य

सीएम गहलोत ने कहा कि असहाय और जरूरतमंद लोगों को संबल देना एक संवेदनशील सरकार का कर्तव्य है। गत सरकारों ने देश में भोजन, रोजगार, शिक्षा, सूचना आदि अधिकार कानून बनाकर आमजन को दिए गए हैं। इसी प्रकार केन्द्र सरकार को सामाजिक सुरक्षा का अधिकार कानून बनाकर देशवासियों को देना चाहिए। विश्व के अनेक लोकतंत्रों में सरकारों द्वारा अपने नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश में राज्य सरकार एक करोड़ वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत पेंशन दे रही है, ताकि उनको आर्थिक संबल मिल सके। 

‘कोई भूखा ना सोए’ की परिकल्पना साकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कमजोर तबकों को किसी भी प्रकार के उत्पीड़न एवं अत्याचार से बचाने के लिए अनिवार्य एफआईआर का प्रावधान किया गया है। थानों को पब्लिक फ्रेंडली बनाने के लिए स्वागत कक्षों का निर्माण किया गया है। सरकार की योजनाओं से आज 46 लाख घरेलू उपभोक्ताओं और किसानों का बिजली बिल शून्य आ रहा है। 

कोरोना काल में राज्य सरकार द्वारा 35 लाख अति निर्धन लोगों को गुजारे के लिए आर्थिक सहायता दी गई। समाज के विभिन्न वर्गों के साथ मिलकर ‘कोई भूखा ना सोए’ की परिकल्पना को साकार किया गया। उच्चतम न्यायालय ने भी केन्द्र सरकार को निर्देशित किया है कि वह सुनिश्चित करे कि कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे।

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