CM गहलोत के दावे को राजे ने बताया बड़ा षड्यंत्र, कहा-ये चाल कामयाब होने वाली नहीं...
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि वो साल 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को दावा किया था कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और बीजेपी के दो अन्य नेताओं ने 2020 में उनकी सरकार बचाने में मदद की थी। जिसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 2023 में होने वाली हार से भयभीत होकर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने उन गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया है, जिनकी ईमानदारी और सत्य निष्ठा सर्व विदित है।
राजे ने कहा कि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध हैं, यदि उनके विधायकों ने पैसा लिया है तो एफआईआर दर्ज करवाएं। लेकिन, सच तो यह है कि अपनी ही पार्टी में हो रही बगावत और रसातल में जाते जनाधार के कारण बौखलाहट में उन्होंने ऐसे अमर्यादित और असत्य आरोप लगाए है। विधायकों की खरीद-फरोख्त की जहां तक बात है, इसके महारथी तो स्वयं अशोक गहलोत हैं। जिन्होंने 2008 और 2018 में अल्पमत में होने के कारण ऐसा किया था। उस वक्त न भाजपा को बहुमत मिला था और न ही कांग्रेस को। उस समय चाहते तो हम भी सरकार बना सकते थे, पर यह भाजपा के सिद्धांतों के खिलाफ था। इसके विपरीत गहलोत ने अपने लेन-देन के माध्यम से विधायकों की व्यवस्था कर दोनों समय सरकार बनाई थी।
राजे बोलीं-मेरे खिलाफ गहलोत का बड़ा षड्यंत्र
राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा मेरी तारीफ करना मेरे ख़िलाफ उनका एक बड़ा षड्यंत्र है। मेरा जितना जीवन में अपमान गहलोत ने किया कोई कर ही नहीं सकता। वे 2023 के चुनाव में होने वाली ऐतिहासिक हार से बचने के लिए ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ रहें है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन, उनकी ये चाल कामयाब होने वाली नहीं है।
CM गहलोत का दावा, वसुंधरा और कैलाश मेघवाल ने 2020 में बचाई थी सरकार
धौलपुर दौरे के दौरान रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व में भैरोंसिंह शेखावत की भाजपा सरकार को गिराने की साजिश विफल करने का हवाला देते हुए कहा था कि साल 2020 में हमारी सरकार वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल की नैतिकता के कारण बची थी, वर्ना मैं आज मुख्यमंत्री के रूप में यहां नहीं होता। उन्होंने बताया कि जब मैं कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष था तब भाजपा की शेखावत सरकार गिराने का षड्यंत्र हुआ था। उस वक्त मेरे पास कुछ लोग आए थे। मैंने उनसे कहा था कि शेखावत इलाज के लिए बाहर गए हैं, इतने बीमार हैं, उनके तीन ऑपरेशन हुए हैं, वे आप लोगों के नेता हैं और आप उनकी सरकार गिरा रहे हैं। मैं आपका इसमें साथ नहीं दूंगा। और, शेखावत सरकार बच गई।
इसी तरह, 2020 में जब मेरी सरकार गिराने की साजिश हुई तब भाजपा के वरिष्ठ नेताओं वसुंधरा राजे व कैलाश मेघवाल ने कहा था कि पैसे के बल पर चुनी हुई सरकार गिराने की हमारी परंपरा नहीं रही है। उन्होंने क्या गलत कहा? शोभारानी कुशवाह ने उनकी बात सुनी और हमारी सरकार बच गई। गहलोत ने 2020 में उनकी सरकार गिराने की साजिश में एक बार फिर से पैसों के लेनदेन का आरोप उछालते हुए सीधे तौरे से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सचिन पायलट पर अपरोक्ष निशाना साधा। रविवार को राजाखेड़ा की जनसभा में उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रदेश की सरकार को गिराने के लिए षड्यंत्र किया था।
लौटा दो शाह को पैसा
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गिराने के षड्यंत्र में करोड़ों खर्च किए गए। बोहरा, डू डी, दानिश, खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज सिहं मलिंगा ने साथ दिया, तब 102 विधायक इकट्ठे हुए। सीएम ने कहा कि मैंने तो अपने विधायकों को यह तक कह दिया कि जितना पैसा लिया, उसमें से कुछ खर्च भी कर दिया है तो वो पैसा मैं दे दूंगा या एआईसीसी से दिलवा दूंगा। अमित शाह से 10 करोड़ लिया है या 15 करोड़ लिया है, उसका वो पैसा वापस दो। उसका पैसा मत रखो। अगर उसका पैसा रखा तो वो हमेशा दबाव बनाए रखेगा और आप लोगों को धमकाएगा। इसके साथ ही अब आप लोग पार्टी की एकजुटता के लिए काम करो।