गांधी फोर्स, अहिंसा प्रकोष्ठ…कैसे चलेगा BJP का एजेंडा, 'मारवाड़ के गांधी' ने पहले ही बिछा दिए कांटे!
जयपुर: 'बीजेपी व आरएसएस के लोग दंगे करवाते हैं, ये लोग धर्म के नाम पर लोगों को भड़काते हैं लेकिन इस बार राजस्थान में हम बीजेपी के हिन्दुत्व के एजेंडे को पनपने नहीं देंगे' राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को जालोर में एक बार फिर विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति साफ कर दी जहां कांग्रेस चुनावों में बीजेपी के हिंदुत्व की काट गांधी के रास्ते निकालने की कवायद कर रही है. इसी कड़ी में सूबे के मुखिया लगातार गांधी के दर्शन और विचारों को प्रचारित करने के साथ ही कई अहम फैसले ले रहे हैं.
हाल में राजस्थान सरकार ने गांधी फोर्स तैयार करने के लिए प्रदेश में 50 हजार महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की नियुक्ति का आदेश जारी किया है. बताया जा रहा है कि ये प्रेरक सरकार की योजनाओं के साथ ही गांधी के अहिंसा और शांति के विचारों को घर-घर तक लेकर जाएंगे.
मालूम हो कि सीएम गहलोत कई मौकों पर बीजेपी-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहते रहे हैं कि ये लोग देश में दंगे करवाते हैं और इनका शांति और अंहिसा में कोई यकीन नहीं है. सीएम ने बीते दिनों कहा था कि बीजेपी-आरएसएस देश को धर्म के आधार पर बांटते हैं. ऐसे में चुनावी साल में गांधी प्रेरक, शांति एवं अहिंसा प्रकोष्ठ जैसे दांव बीजेपी के परंपरागत चुनावी पैटर्न के सामने एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है.
गांधी के विचार घर-घर ले जाएंगे प्रेरक
वहीं सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के शांति एवं सद्भाव का संदेश घर-घर ले जाने के लिए प्रदेश में 50 हजार युवा महात्मा गांधी सेवा प्रेरक बनेंगे जो सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देने के साथ ही महात्मा गांधी पुस्तकालय एवं संविधान केंद्र भी चलाएंगे.
इन प्रेरकों को हर महीने 4500 रुपए मानदेय दिया जाएगा और ग्राम पंचायत और शहरी वार्ड स्तर पर इनकी नियुक्ति की जाएगी. वहीं इन प्रेरकों के पद पर आवेदन के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 12वीं अथवा समकक्ष रखी गई है और आवेदन करने वाले की उम्र 21 साल से अधिकतम 50 साल होनी चाहिए.
राजस्थान एकमात्र राज्य है जहां शांति और अहिंसा विभाग का गठन
वहीं बीते महीने सीएम गहलोत ने प्रदेश के सभी जिलों में शांति और अहिंसा प्रकोष्ठ के कार्यालयों का उद्घाटन वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. इस दौरान सीएम ने कहा कि शांति और अहिंसा हमारी संस्कृति का आधार है और अशांति, हिंसा और तनाव के वातावरण में विकास संभव नहीं है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान देश का एकमात्र राज्य है जहां शांति और अहिंसा विभाग का गठन किया गया है और इस विभाग के जरिए ब्लॉक स्तर पर लोगों को गांधी के विचारों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा. बता दें कि राज्य सरकार ने 2022 में शान्ति और अहिंसा विभाग की स्थापना की थी जिसका उद्देश्य गांव-ढाणी तक शांति और अहिंसा की भावना को विकसित करना था.
गहलोत को कहते हैं मारवाड़ का गांधी
गौरतलब है कि अशोक गहलोत महात्मा गांधी की विचारधारा को अपने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ाते रहे हैं और और उन्हें राजस्थान के सियासी गलियारों में मारवाड़ का गांधी भी कहा जाता है. वहीं अब चुनावों से पहले गांधी की विचारधारा को ढाल बनाना कांग्रेस की नई रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है. इसके इधर राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान नफरत के खिलाफ मोहब्बत का संदेश दिया था.