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नासा से पहले मंगल की मिट्टी लाएगा ड्रैगन, स्पेस में सुपरपावर बनना चाहता है चीन

चीन ने अमेरिका को टक्कर देने के लिए अंतरिक्ष सुपरपावर बनने का प्लान बनाया है। इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वह लगातार बड़े-बड़े कदम उठा रहा है, जो सीधे नासा को टक्कर दे रहे हैं। चांद के पिछले हिस्से पर उतर कर चीन पहले ही अपनी ताकत दिखा चुका है।
12:14 PM Nov 15, 2023 IST | BHUP SINGH

बीजिंग। चीन ने अमेरिका को टक्कर देने के लिए अंतरिक्ष सुपरपावर बनने का प्लान बनाया है। इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए वह लगातार बड़े-बड़े कदम उठा रहा है, जो सीधे नासा को टक्कर दे रहे हैं। चांद के पिछले हिस्से पर उतर कर चीन पहले ही अपनी ताकत दिखा चुका है। इसके अलावा उसने अपने तियांगोंग स्पेस स्टेशन के विस्तार का फैसला भी किया है। चीन चंद्रमा पर अपना एक बेस बनाना चाहता है, लेकिन अब चीन मंगल ग्रह पर अगले दशक में अपने अंतरिक्ष यात्रियों को उतारने से जुड़ा मिशन भी प्लान कर रहा है। अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने से पहले चीन मंगल ग्रह का सैंपल लाना चाहता है।

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मंगल के रिसर्च की संख्या बढ़ी

चाइनीज साइंस बुलेटिन जर्नल में हाल ही में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ है। इसमें चीनी वैज्ञानिकों ने घोषणा की है कि उन्होंने मंगल ग्रह के वायुमंडलीय वातावरण का सिमुलेशन करने के लिए एक नया संख्यातमक मॉडल विकसित किया है। यह मॉडल तियानवेन-3 मिशन की तैयारी के रिसर्च में मदद करेगा। इस अध्ययन का नेतृत्व वरिष्ठ शोधकर्ता वांग बिन ने किया, जो जलवायु मॉडलिंग के विशेषज्ञ हैं। मंगल ग्रह की बात करें तो पिछले दो दशकों में इससे जुड़ेमिशनों और अंतरिक्ष एजेंसियों की संख्या बढ़ी है।

मंगल की सतह का हो रहा अध्ययन

वर्तमान में दस रोबोटिक मिशन मंगल की सतह और वायुमंडल का अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें से 7 ऑर्बिटर, दो रोवर और एक हेलिकॉप्टर है। अगले दशक में मंगल ग्रह के लिए और भी मिशन चलाए जाने हैं, जिनमें अंतरिक्ष यात्री भी होंगे। चीन के मंगल का सैंपल लाने की खबर ऐसे समय में आई है, जब नासा के सैंपल रिटर्न मिशन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक नासा का यह मिशन पहले 4 अरब डॉलर में होना था। लेकिन इसकी लागत अब बढ़ कर 8-11 अरब डॉलर हो गई है।

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