For the best experience, open
https://m.sachbedhadak.com
on your mobile browser.

गुजरात में सबसे अधिक होता है चीकू का उत्पादन, जानिए किस भाषा से बना यह शब्द

12:00 PM Feb 01, 2023 IST | Supriya Sarkaar
गुजरात में सबसे अधिक होता है चीकू का उत्पादन  जानिए किस भाषा से बना यह शब्द

प्रत्येक व्यक्ति को फल खाना पसंद होता है। यूं तो फलों का राजा आम को कहा जाता है। लेकिन इसके अलावा केला, पपीता, सेब, अमरूद, तथा अंगुर भी रसीले फलों में गिने जाते हैं। इन्हीं में एक फल और शामिल है जिसका नाम है चीकू। लगभग 95 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें चीकू खाना बेहद पसंद है। यह सेहत के लिए फायदेमंद भी है साथ ही स्वादिष्ट भी है। भारत तथा अन्य देशों में इसका उत्पादन अच्छी मात्रा में किया जाता है।

Advertisement

इसकी खेती नमी के मौसम में की जाती है। गर्मी के मौसम में इसमें सिंचाई के लिए अधिक पानी की आवश्यकता पड़ती है। कुछ सीमा तक यह सूखे की स्थिति को सहन कर सकता है। लेकिन इसके लिए अच्छी सिंचाई जरुरी है। चीकू शब्द चीनी भाषा का शब्द है। यह मिनरल का भंडार माना जाता है। इसका सेवन करने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। विश्व में इसके प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारत शामिल है।

चीकू के बारे में

चीकू को सपोटा भी कहा जाता है। यह पित्तनाशक, पौष्टिक, शीतल तथा मीठे होते हैं। इसमें शर्करा की मात्रा अधिक पाई जाती है। इसका वैज्ञानिक नाम मनिलकारा जपोटा है। यह युडिकॉट श्रेणी, एरिकेल्स गण, सैपोटेसी कुल तथा मनिल्करा वंश का पौधा है। चीकू में लैटेक्स् की मात्रा भी अधिक होती है। चीकू की खेती सभी प्रकार की भूमि में की जा सकती है, परन्तु गहरी, उपजाऊ तथा बलुई दोमट मिट्टी इसके लिए बहुत अच्छी मानी जाती है।

(Also Read- दलदली क्षेत्रों में होती है मखाने की खेती, इस राज्य में होता है सबसे अधिक उत्पादन)

चीकू एक प्रकार की व्यावसायिक फसल है। इसकी खेती करने के लिये शीर्ष कलम तथा भेंट कलम विधि काम में ली जाती है। चीकू का पौधा तैयार करने का सबसे उपयुक्त समय मार्च से अप्रैल का महीना है। जून-जुलाई में इसमें खाद दी जाती है। इसमें प्रतिवर्ष खाद देने की आवश्यकता होती है। चीकू लगाने के लिए वर्षा ऋतु सबसे उत्तम मानी जाती है।

चीकू का उत्पादन

विश्व में चीकू का उत्पादन ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में किया जाता है। इसे अमेरिकी ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्र का फल माना जाता है। चीकू उत्पादन में भारत विश्व में आठवें स्थान पर है। भारत में सबसे अधिक चीकू का उत्पादन गुजरात में किया जाता है। इसके अलावा महाराष्ट्र, कनार्टक तथा तमिलनाडु राज्यों में भी बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है।

वर्तमान में इसकी खेती हरियाणा के पूर्वी क्षेत्रों में भी की जाने लगी है। चीकू उगाने के बाद इसमें तीन-चार साल बाद फल लगने लगता है। इसका फल गर्मी के मौसम में तैयार होता है। इस फसल को अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। चीकू का उपयोग जैम व जैली बनाने के लिए भी किया जाता है।

इतने प्रकार की किस्में

चीकू कई प्रकार की किस्मों का होता है। आकार में यह गोल, अंडाकार तथा लंबा व गोल होता है। उत्तम किस्म का चीकू आकार में बड़ा होता है। इसके छिलके पतले एवं चिकने होते हैं। चीकू की कई किस्में प्रचलित हैं। इनमें क्रिकेट बाल, काली पत्ती, भूरी पत्ती, पी.के.एम.1, डीएसएच-2 झुमकिया किस्में प्रमुख है।

(Also Read- 2500 साल पुराना है ‘खिचड़ी’ का इतिहास, विदेशी यात्रियों ने भी किया इसका उल्लेख)

.