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Chhath Puja 2023: आज है छठ का आखिरी दिन, जानें इसका महत्व और लाभ

Chhath Puja 2023: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सत्पमी तिथि का छठ पूजा का अंतिम दिन माना जाता है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देखकर व्रत खोलने की परंपरा है।
10:00 AM Nov 20, 2023 IST | BHUP SINGH

Chhath Puja 2023: छठ पूजा का आज आखिरी यानी चौथा दिन है। व्रत रखने वाली महिलाओं ने आज उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोला और पारण किया। इस पूजन विधि के साथ ही छठ के महापर्व का समापन हुआ। अंतिम दिन सूर्य को वरुण वेला में अर्घ्य दिया जाता है। यह सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है, इससे सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती हैं। आइए जानते हैं छठ के चौथे दिन का महत्व क्या है और उगते सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ मुर्हूत क्या था।

सूर्योदय को अर्घ्य देने का सही समय

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को छठ पूजा का अंतिम दिन मनाया जाता है। इस दिन सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देने की परंपरा है। उगते सूरज के अर्घ्य देने का शुभ मुर्हूत आज सुबह 06 बजकर 47 मिनट पर था। इसके बाद पारण कर महिलाएं अपना व्रत खोला। सूर्य को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए। गिरते जल की धारा में सूर्यदेव के दर्शन करना चाहिए।

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छठ का धार्मिक महत्व

सनातन धर्म में मान्यता है कि सूर्यदेव की पूजा करने से तेज, आरोग्यता और आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह को पिता, पूर्वज, सम्मान का कारक माना जाता है। साथ ही छठी माता की अराधना से संतान और सुखी जीवन की प्राप्ति होती है। इस पर्व की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पर्व पवित्रता का प्रतीक है।

छठ के अंतिम अर्घ्य के उपाय

  1. छठ पूजा से संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। इससे नाम यश बढ़ता है। अपयश के योग भंग होते हैं। पिता पुत्र के संबंध ठीक होते हैं। इसके अलावा जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। सूर्य को अर्घ्य देने से आत्मविश्वास बढ़ेगा।
  2. सुबह-सुबह जल की धारा में से उगते सूरज को देखना चाहिए था। इससे धातु और सूर्य की किरणों का असर आपकी दृष्टी के साथ आपके मन पर भी पड़ता है और आपको सकारात्मक ऊर्जा का आभास होता रहेगा।
  3. सूर्य प्रकाश का सबसे बड़ा स्त्रोत है और प्रकाश को सनातन धर्म में सकारात्मक भावों का प्रतीक माना गया है। हर दिन सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति की कुंडली में यदि शनि की बुरी दृष्टी हो तो उसका प्रभाव भी कम होता है। इससे कॅरियर में भी लाभ मिलता है।

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