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गुरु प्रदोष को करें शिव गायत्री मंत्र का जाप, बरसेगी भोलेनाथ की कृपा

04:56 PM Jan 27, 2023 IST | Mukesh Kumar

प्रदोष का व्रत हर माह में दो बार आता है। इस बार प्रदोष व्रत 2 फरवरी 2023 गुरुवार को आ रहा है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह व्रत किया जाता है। प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत किया जाता है। इस व्रत को दोनों पक्षों में करने से फायदा होता है। त्रयोदशी तिथि के दिन विधि -विधान से यह व्रत करने से भगवान भोलेनाथ की कृपा बरसती है।

प्रदोष व्रत की तिथि और समय
यह व्रत सूर्यास्त के समय पर निर्भर करता है। अगर व्रत सोमवार को पड़े तो उसे सोम प्रदोष कहते हैं और मंगलवार को आए तो भौम प्रदोष कहलाता है। शनिवार को प्रदोष व्रत आए तो शनि प्रदोष कहते हैं।
फरवरी माह में प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 फरवरी 2023 ,गुरुवार को आएगा। इसे गुरु प्रदोष भी कहा जाता है।
प्रदोष व्रत 2 फरवरी को शाम को 4 बजकर 26 मिनिट पर प्रारंभ होगा और 3 फरवरी को 6 बजकर 58 मिनिट पर समाप्त होगा।
प्रदोष व्रत में भगवान महादेव की पूजा शाम के समय सूर्यास्त से लगभग 45 मिनिट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनिट बाद तक होती है।

शिव गायत्री मंत्र का करें जाप
प्रदोष व्रत के दिन शिव गायत्री मंत्र का जाप करना फलदायी होता है। शिव को समर्पित इस मंत्र के जाप से भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन शिव स्तुति और शिव चालीसा का भी जाप करना चाहिए। शिव के मंत्र ओम नम:शिवाय का जाप भी करने से महादेव का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि मंत्रों का जाप हमेशा रूद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए। मंत्र जाप के समय आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इसके साथ ही मंत्र जाप के साथ शिवलिंग पर बेल पत्र भी चढ़ाएं। इससे शिव की आराधना का पूरा फल मिलेगा।
महामृत्युंजय मंत्र की फेरें माला
ओम त्रयंबकम् यजामहे सुगंधिम पूष्टिवर्धनम् ,उर्वारुकमिव बंधनात् मृत्योर्मुक्षीयमामृतात् ।

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