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Valentine Day 2023 : Cow Hug Day पर केंद्र का यू-टर्न, वापस लिया 'विवादित' फैसला

09:50 AM Feb 11, 2023 IST | Anil Prajapat

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी के दिन काऊ हक डे (Cow Hug Day) मनाने के फैसले पर यू-टर्न ले लिया है। देशभर में छिड़ी बहस के बाद गुरुवार को एडब्ल्यूबीआई ने वैलेंटाइन डे के दिन काऊ हक डे मनाने की अपील को वापस ले लिया है। बता दें कि एडब्ल्यूबीआई के अजीबो-गरीब फैसले के बाद लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं सामने आई थी। कुछ लोगों ने इस फैसले को सही बताया तो किसी ने इसकी निंदा की थी।

लोगों का कहना था कि आखिर ऐसी अपील का क्या औचित्य है। देशभर में गायों को गले लगाने की अजीबो-गरीब अपील की आलोचना के बाद एडब्ल्यूबीआई ने 14 फरवरी को काउ हग डे के रूप में मनाने की अपील वापस ले ली है। इसके लिए एडब्ल्यूबीआई ने एक पत्र भी जारी किया है।

विवाद के बाद एडब्ल्यूबीआई ने वापस लिया फैसला

एडब्ल्यूबीआई की ओर से गुरुवार को जारी किए गए पत्र के मुताबिक सक्षम प्राधिकारी और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय द्वारा निर्देशित 14 फरवरी 2023 को काउ हग डे मनाने के लिए भारत के पशु कल्याण बोर्ड द्वारा जारी की गई अपील को वापस ले लिया गया है।

एडब्ल्यूबीआई ने ये की थी अपील

इससे पहले सोमवार को भारत सरकार के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देशानुसार एडब्ल्यूबीआई की आरे से अधिसूचना जारी कर जनता से 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे पर गायों को गले लगाने की अपील की थी। पत्र में कहा गया था कि हम सब जानते हैं कि गाय भारतीय संस्कृति और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हमारे जीवन को बनाए रखती है और पशुधन और जैव विविधता का प्रतिनिधित्व करती है। मानवता को सब कुछ प्रदान करने वाली मां के समान पोषक प्रकृति के कारण इसे कामधेनु और गौमाता के नाम से जाना जाता है। हमारे समय में पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्ति की कगार पर हैं।

पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को भूला हुआ बना दिया है। गाय के बेहद ज्यादा फायदों को देखते हुए, गाय को गले लगाने से जज्बाती समृद्धि आएगी, व्यक्तिगत और सामूहिक खुशी बढ़ेगी। इसलिए, गौमाता के महत्व को ध्यान में रखते हुए सभी गाय प्रेमी 14 फरवरी को काउ हग डे के रूप में भी मना सकते हैं और जीवन को खुशहाल और सकारात्मक ऊर्जा से भरा हुआ बना सकते हैं। पत्र में अंत में स्पष्ट किया गया था कि यह सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से और पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश पर जारी हुआ है। एडब्ल्यूबीआई की इस अजीबो-गरीब अपील पर देशभर में काफी विवाद हुआ था। जिसके चलते चार दिन बाद ही एडब्ल्यूबीआई को अपना फैसला वापस लेना पड़ा था।

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