CBI के पूर्व केन्द्रीय वित्त सचिव मायाराम पर शिकंजा, देर रात तक चलती रही तलाशी
नई दिल्ली/जयपुर। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने पूर्व केन्द्रीय वित्त सचिव अरविंद मायाराम (Arvind Mayaram) के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके नई दिल्ली और जयपुर निवास पर गुरुवार को छापे मारे। इन ठिकानों पर सीबीआई की कार्रवाई देर रात तक जारी रही। छापे में सीबीआई द्वारा कुछ दस्तावेज जब्त करने की जानकारी सामने आ रही है। मामला 1688 करोड़ रुपए से जुड़ा है।
यह मामला साल 2012 में करेंसी प्रिंटिंग से जुड़ा बताया जा रहा है। सीबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक को नोटों के लिए रंग बदलने वाले विशेष सुरक्षा धागे की आपूर्ति में कथित भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व वित्त सचिव मायाराम और ब्रिटेन की एक कंपनी के खिलाफ 10 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की है। इसके बाद यह कार्रवाई शुरू की गई है। मायाराम प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री रही इंदिरा मायाराम के पुत्र हैं और अभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सलाहकार हैं।
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इधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि यह मोदी सरकार की डराने, धमकाने और बदनाम करने की नीति के तहत यह कार्रवाई हो रही है और यह एक ‘डरपोक की सोच’ है। उन्होंने ट्वीट किया कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर (रघुराम राजन) ‘भारत जोड़ो यात्रा ‘ में शामिल हुए तो भाजपा ने उन पर हमला किया। एक पूर्व सेना प्रमुख (दीपक कपूर) शामिल हुए तो भाजपा ने उन्हें बदनाम करने का प्रयास किया। अब पूर्व वित्त सचिव यात्रा में शामिल हुए तो सीबीआई ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।
शाम पांच बजे जयपुर में कार्रवाई
जयपुर स्थित मायाराम के आवास पर गुरुवार को शाम करीब 5 बजे सीबीआई पहुंची। गोपाल सदन, ओ-19, अशोक मार्ग पर बने मकान में टीम के सदस्यों ने एंट्री कर उसे अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद किसी को भी अंदर नहीं जाने दिया गया और कोई अंदर से बाहर नहीं आ सका। आवास में कौन-कौन मौजूद है, इसकी जानकारी भी सामने नहीं आ सकी। इसी तरह अरविंद मायाराम के दिल्ली स्थित ठिकानों पर भी सीबीआई टीम ने छापेमारी की कार्रवाई को अंजाम दिया।
मायाराम की गिरफ्तारी संभव
अरविंद मायाराम को सीबीआई गिरफ्तार भी कर सकती है। आइपीसी की धारा 420 और 120 बी की धारा में प्रकरण दर्ज होने के कारण और छापे के दौरान जांच में मिले दस्तावेजों के आधार पर यह संभावना जताई जा रही है। लम्बे समय रहे केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर
मायाराम 1978 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद मायाराम यूपीए सरकार में वित्त सचिव रह चुके हैं। वे केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। वहीं राजस्थान में पर्यटन, प्लानिंग और उद्योग में सचिव के साथ कई जिलों के कलेक्टर रह चुके हैं।
यह है मामला
मायाराम ने यूपीए सरकार में केंद्रीय वित्त सचिव रहते हुए करेंसी प्रिंटिंग को लेकर ब्लैक लिस्टेड की गई एक ब्रिटिश कंपनी को वर्ष 2012 में बिना टेंडर प्रक्रिया के नोट छापने में इस्तेमाल होने वाले कलरफुल धागे का 1668 करोड़ रुपए का काम दिया था, जबकि ब्रिटिश कंपनी को वर्ष 2011 में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया था। वर्ष 2017 में केंद्र सरकार ने मायाराम को नोटिस देकर जवाब भी मांगा था। चर्चा में यह भी है कि जिस कंपनी को टेंडर दिया गया इस कंपनी के भारतीय प्रतिनिधि का नाम पनामा पेपर लीक से भी जुड़ा था।