आक्रोश में बदला 5 साल से तबादलों का इंतजार, 5 फरवरी को दिल्ली में हल्ला बोल का ऐलान
जयपुर। प्रदेश के तृतीय श्रेणी शिक्षक 5 साल से तबादलों के इंतजार में है। 17 महिने से तबादला नीति के अनुसार तबादला करने का आश्वासन देने के बाद भी कोई तबादला नहीं होने से नाराज शिक्षक अब दिल्ली कूच करेंगे। तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने 5 फरवरी को दिल्ली के जंतर-मंतर से कांग्रेस मुख्यालय तक पैदल मार्च कर धरना देने का ऐलान कर दिया है। शिक्षकों का कहना है कि प्रदेश की सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है। इसके लिए राजस्थान संयुक्त शिक्षक मोर्चा के बैनर तले बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
राजस्थान संयुक्त शिक्षक मोर्चा के अध्यक्ष हरपाल दादरवाल ने बताया कि गहलोत सरकार की दोषपूर्ण शिक्षा नीति की ओर कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। दादरवाल का कहना है कि शिक्षकों के इस विरोध को आम आदमी पार्टी और भीम आर्मी का भी समर्थन है, जिनके कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता भी शिक्षकों के साथ विरोध में शामिल होंगे।
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सरकार में शिक्षकों के तबादले के नाम पर खुली लूट: दादरवाल
शिक्षक संगठनों का कहना है कि शिक्षकों के तबादलों के लिए कोई नीति नहीं है, इसलिए मनमर्जी से तबादले किए गए हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले हुए ही नहीं हैं। दादरवाल ने आरोप लगाया कि इस सरकार में शिक्षकों के तबादले के नाम पर खुली लूट हो रही है, जिससे शिक्षा और शिक्षकों का नुकसान हो रहा है।
वहीं, शिक्षक सिंह रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह सलावद का कहना है कि राज्य सरकार ने 15 जनवरी से तबादलों पर रोक लगा दी है। अपने चहेतों को फायदा देने के लिए रोक लगने के बाद भी बैक डेट में अब तक चार हजार से अधिक शिक्षकों व अन्य संवर्ग कार्मिकों की तबादला सूचियां जारी की गई हैं, जबकि अगस्त 2021 में तृतीय श्रेणी शिक्षकों से तबादलों के लिए 85 हजार तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने शाला दर्पण के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए थे, जिनका 17 माह बाद भी कोई समाधान नहीं है और शिक्षा मंत्री कहते है की नीति बन रही है।
तृतीय श्रेणी शिक्षकों को छोड़ सभी संवर्ग में बंपर तबादले
शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी शिक्षकों को छोड़कर सभी संवर्गों के छह माह में 25 हजार से ज्यादा स्थानांतरण किए गए। इस शिक्षा सत्र में 15 जनवरी तक अकेले शिक्षा निदेशालय के स्तर पर प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, व्याख्याता सभी विषय और वरिष्ठ अध्यापकों की 120 तबादला सूचियां जारी की गई हैं। इनमें 16 हजार से ज्यादा कार्मिकों के स्थानांतरण किए गए।
वहीं शिक्षा विभाग में मंडल स्तर पर 9 मंडलों में करीब नौ हजार से ज्यादा शिक्षकों और अन्य सभी संवर्ग के कार्मिकों के तबादले किए गए हैं। शिक्षक सिंह रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहरसिंह सलावद का कहना था कि तबादला नीति कब बनेगी और कब तबादले किए जाएंगे, कुछ निश्चित नहीं है। सरकार से मांग है कि जल्द तबादले कर राहत दें। ऐसा नहीं होने पर संगठन की ओर से सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।