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गृह मंत्री की सुरक्षा में कैसे हुई चूक? 2 दिन में सौंपे रिपोर्ट…गहलोत सरकार ने जांच के लिए बनाई कमेटी

गृहमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने जांच के आदेश दे दिए है। साथ ही दो दिन में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है।
12:11 PM Nov 08, 2023 IST | Anil Prajapat
Amit Shah

जयपुर। गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की गहलोत सरकार ने जांच के आदेश दे दिए है। साथ ही दो दिन में रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। दरअसल, हुआ यूं कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को राजस्थान दौरे पर थे। नागौर के परबतसर में चुनाव प्रचार के दौरान जैसे ही काफिला डंकोली मोहल्ले में पहुंचा तो अमित शाह का रथ हाई टेंशन लाइन से टकरा गया। गृहमंत्री की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक सामने आने के बाद प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए है।

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के रथ से हाई टेंशन लाइन का तार टकराने के मामले में प्रदेश की गहलोत सरकार ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। इस मामले की जांच अजमेर संभाग आयुक्त को सौंपी गई है। इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह की ओर से संभागीय आयुक्त को पत्र भेजा गया है। जिसमें हादसे के कारण, इस तरह के हादसे रोकने के सुझाव सहित पूरी तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही अजमेर संभाग आयुक्त को दो दिन में पूरी घटना की रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए है।

ये है पूरा मामला

बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मंगलवार शाम करीब 4.20 बजे नागौर जिले के परबतसर क्षेत्र के बिडियाद गांव से चौपाल कर रथ पर सवार हुए थे। उन्हें परबतसर के गणेश मंदिर स्थित सभास्थल तक जाना था। लेकिन, इससे पहले ही डंकोली मोहल्ले में अमित शाह के रथ का ऊपरी हिस्सा बिजली लाइन से टकरा गया। हालांकि, उस समय अमित शाह बाल-बाल बच गए। जिस ‘रथ’ (बस) में वे थे, उसके बिजली के तार के संपर्क में आने से चिंगारी निकली और फिर उन्हें अन्य वाहन से रवाना किया गया था।

सीएम गहलोत ने दिए थे जांच के आदेश

इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा था कि घटना के बारे में डीएलबी आयुक्त से जांच कराएंगे, क्योंकि गृह मंत्री का रथ टकराना गंभीर बात है। इस गहलोत के इस आदेश के बाद जांच के लिए कमेटी गठित कर दी गई है और अजमेर आयुक्त को जांच सौंपी गई है। उन्हें दो दिन के अंदर पूरे मामले की रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी होगी, ताकि यह पता चल सके कि आखिर इस घटना के लिए कौन जिम्मेदार है और गृह मंत्री की सुरक्षा में आखिरी इतनी बड़ी चूक कैसे हुई।

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