जयपुर ब्लास्ट के दोषियों को बरी करने का मामला: BJP का प्रदर्शन आज, CM ने पैरवी करने वाले AAG की सेवा की समाप्त
जयपुर। 13 मई 2008 को जयपुर परकोटे में सिलसिलेवार एक के बाद एक लगातार हुए आठ बम धमाकों में जान गवाने वाले 71 लोगों के परिजनों को न्याय दिलाने और हाईकोर्ट में सुनवाई में सरकार का कमजोर पक्ष होने के कारण दोषियों को बरी करने पर सरकार के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है। हालंकि चारों आरोपियों को अभी जेल से रिहा नहीं किया गया है। आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में एक और मामला लंबित होने के कारण अभी जेल से रिहा नहीं किया गया है, लेकिन सरकार द्वारा मामले में मजबूत पक्ष नहीं रखने पर भाजपा और सहित हिंदूवादी संगठनों ने सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी कर ली है।
आज भाजपा जयपुर शहर द्वारा बड़ी चौपड़ पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमे भाजपा के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद रहेंगे। मामले को लेकर भाजपा शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने बताया कि कांग्रेस सरकार के इस असंवेदनशील रवैया किसी के द्वारा भी माफ़ी के लायक नहीं है। इसके खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ धरना देगी। इधर, राज्य सरकार की मंशा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। इस फैसले के विरुद्ध सरकार सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही एसएलपी दाखिल करेगी। सीएम ने इस प्रकरण में पैरवी को नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र यादव की सेवाएं खत्म करने का निर्णय लिया।
बिना फटे बम से जुड़ा मामला अदालत में अब तक लंबित
आरोपियों के खिलाफ विशेष अदालत में चल रहा यह मामला धमाकों के बाद बरामद बिना फटे बम से जुड़ा है। जिसके चलते चारों आरोपियों को रिहा नहीं किया जा सकता। दरअसल राजस्थान हाई कोर्ट ने बुधवार को इस मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए उन चार आरोपियों को बरी कर दिया जिन्हें विशेष अदालत ने 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी। उच्च न्यायालय ने इसके साथ ही ‘खराब’ जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई।
चांदपोल हनुमान मंदिर में श्रद्धांजलि सभा आज
जयपुर में आठ बम धमाकों में चांदपोल स्थित हनुमान मंदिर के बाहर भी बम ब्लास्ट हुआ था। ब्लास्ट के दिन मंगलवार होने के कारण मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या भी अधिक थी जिसके कारण यहां हुए ब्लास में 20 लोग मौके पर ही मर गए और कई लोग घायल हुए। आरोपियों के बरी होने के बाद सरकार के खिलाफ और मृतकों के परिजनों को न्याय दिलाने की मांग और मृतकों की आत्मशांति के लिए शनिवार को शाम 6 बजे श्रद्धांजलि दी जाएगी। हिंदूवादी संगठन के भारत शर्मा ने बताया कि मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सेफ और मोहम्मद सलमान को निचली अदालत से फांसी की सजा मिली थी. प्रदेश के गृह और विधि विभाग के साथ ही एटीएस और एएजी ने इस मामले में लापरवाही बरती जो न्यायसंगत नहीं है। इसलिए सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार, पैरवी करने वाले AAG की सेवा की समाप्त
इधर, राज्य सरकार जयपुर सीरियल ब्लास्ट मामले में बरी आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 के जिला न्यायालय के फैसले को पलटते हुए राजस्थान हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी किया है। राज्य सरकार की मंशा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। इस फैसले के विरुद्ध सरकार सुप्रीम कोर्ट में जल्द ही एसएलपी दाखिल करेगी। सीएम ने इस प्रकरण में पैरवी को नियुक्त अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेन्द्र यादव की सेवाएं खत्म करने का निर्णय लिया। बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख शासन सचिव गृह आनंद कुमार, डीजीपी उमेश मिश्रा, एडीजी एसओजी-एटीएस अशोक राठौड़, एडीजी क्राइम दिनेश एमएन, एडीजी इंटेलिजेंस एस. सेंगाथिर, शासन सचिव विधि ज्ञान प्रकाश गुप्ता व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।