केंद्र के बाद राज्य कर्मचारियों को मिला DA का तोहफा, जानिए भारत में पहली बार कब से लागू हुआ डीए
जयपुर। केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में बड़ा निर्णय लेते हुए महंगाई भत्ते में बड़ी बढ़ोतरी कर दी है। कर्मचारियों के डीए में 4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। 24 मार्च को कैबिनेट मीटिंग में इस पर मुहर लगी। जिसके बाद केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते में 4 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद 38 फीसदी से बढ़कर 42 फीसदी कर दिया है। केंद्र सरकार के इस फैसले से इसका फायदा 52 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 60 लाख पेंशनर्स को मिलेगा। बढ़ा महंगाई भत्ता 1 जनवरी, 2023 से मिलेगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी।
गहलोत सरकार ने भी दी डीए बढ़ाने की मंजूरी…
केंद्र सरकार के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) 4 फीसदी बढ़ाने की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद गहलोत सरकार ने भी अपने कर्मचारियों-पेंशनर्स के डीए बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। 4 फीसदी डीए बढ़ाया गया है। अब राज्य कर्मचारियों और पेंशनर्स को 1 जनवरी 2023 से 42 फीसदी महंगाई भत्ता मिलेगा। अभी तक 38 फीसदी डीए मिल रहा था।
कितनी बढ़ेगी सैलरी…
डीए बढ़ोतरी के बाद राज्य कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी इसे उदाहरण से समझते हैं। अगर आपकी बेसिक सैलरी 25 हजार है तो 38 फीसदी डीए के हिसाब से अभी आपको 9500 रुपये मिलते हैं। 42 फीसदी डीए हो जाने के बाद महंगाई भत्ता बढ़कर 10500 रुपये हो जाएगा। मतलब हर महीने आपकी सैलरी 1000 रुपये बढ़ जाएगी। आपकी सालाना सैलरी में 12000 रुपये की बढ़ोतरी होगी।
भारत में कब हुई महंगाई भत्ते की शुरुआत…
दुनिया में महंगाई भत्ते की शुरुआत दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हुई थी। वहीं भारत में साल 1972 में सबसे पहले मुंबई से महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी। सिपाहियों को खाने और दूसरी सुविधाओं के लिए सैलरी से अलग पैसे दिए जाते थे। तब इसे खाद्य भत्ता कहते थे। इसके बाद केंद्र सरकार सभी सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा।
जानिए क्या होता है महंगाई भत्ता…
केंद्र और राज्य सरकार हर छह माह में कर्मचारियों के डियरनेस अलाउंस (Dearness Allowance) बढ़ाती है। आमतौर पर हर 6 महीने, जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ते में बदलाव किया जाता है। डीए (Dearness Allowance) कर्मचारियों के रहने-खाने के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है। हर छह महीने पर केंद्रीय कैबिनेट डीएम रिवाइज करने पर विचार करता है। महंगाई भत्ता इसलिए दिया जाता है कि महंगाई बढ़ने के बाद भी कर्मचारियों को अपना जीवन-यापन करने में कोई परेशानी न हो। इसकी गणना संबंधित वेतनमान के आधार पर कर्मचारियों के मूल वेतन के अनुसार की जाती है। महंगाई भत्ता शहरी, अर्ध-शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों का अलग-अलग हो सकता है। केंद्र और सरकार यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों और पेंशनधारकों को दिया जाता है।
कैसे होता है महंगाई भत्ते का कैलकुलेशन…
महंगाई भत्ते का आकंलन करने के लिए एक फार्मूला है। पिछले 12 महीने के एआईसीपीआई (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) के मुताबिक, महंगाई का जोड़-घटाना करके कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाता है।
आसान भाषा में समझे अब कितनी हो जाएगी सैलरी…
आसान भाषा में समझें तो बेसिक सैलरी 10 हजार रुपये में ग्रेड सैलरी 1000 रुपये को जोड़ने पर टोटल 11 हजार रुपए हुआ। अब बढ़े हुए 42 फीसदी महंगाई भत्ते के लिहाज से देखें, तो यह 4,620 रुपए हुआ। सबको जोड़कर आपकी कुल सैलरी 15,620 रुपए हुई। पहले 38% DA के लिहाज से आपको 15,180 रुपए सैलरी मिल रही थी। यानी 4 फीसदी डीए बढ़ने के बाद हर महीने 440 रुपए का फायदा होगा। ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों को दो महीने का बकाया एरियर भी मिलेगा। कहा जा रहा है कि मार्च के वेतन के साथ ही इसका भी भुगतान हो जाएगा।