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राम मंदिर के बाद CAA होगा लागू! अबकी बार 'पार 400 पार' के मिशन में जुटी BJP का बड़ा दांव

बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारी में 'अबकी बार पार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार' के नारे के साथ जुट गई है। 22 जनवरी को रामलला का अभिषेक समारोह होगा, जिसके बाद नागरिकता (संशोधन) कानून के नियमों को अधिसूचित किया जा सकता है।
01:13 PM Jan 03, 2024 IST | Kunal Bhatnagar

Citizenship (Amendment) Act: बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारी में 'अबकी बार पार 400 पार, तीसरी बार मोदी सरकार' के नारे के साथ जुट गई है। 22 जनवरी को रामलला का अभिषेक समारोह होगा, जिसके बाद नागरिकता (संशोधन) कानून के नियमों को अधिसूचित किया जा सकता है। सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले केंद्र सरकार CAA नियम लागू कर सकती हैं।

गृहमंत्री शाह ने दी प्रतिक्रिया

सीएए कानून के तहत 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले अमित शाह ने पश्चिम बंगाल में बीजेपी नेताओं की बैठक में कहा था कि देश में सीएए लागू होने से कोई नहीं रोक सकता है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि सीएए लागू करना बीजेपी की प्रतिबद्धता है।

2020 से लिया जा रहा है एक्सटेंशन

आपको बता दें कि संसदीय प्रक्रियाओं के नियमों के मुताबिक, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति के 6 महीने के भीतर तैयार हो जाने चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधायी समितियों से विस्तार मांगा जाना चाहिए। सीएए के मामले में 2020 से ही गृह मंत्रालय नियम बनाने के लिए नियमित अंतराल पर संसदीय समितियों से एक्सटेंशन लेता रहा है।

ये शक्तियां 9 राज्यों में डीएम को दी गईं

पिछले दो वर्षों में, नौ राज्यों के 30 से अधिक जिला मजिस्ट्रेटों और गृह सचिवों को अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत अधिकार दिए गए हैं।

इन राज्यों में दी गई नागरिकता

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1 अप्रैल, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के इन गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदायों के कुल 1,414 विदेशियों को भारतीय नागरिकता दी गई है। जिन राज्यों में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी गई है वे हैं गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र।

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