राजस्थान में अंगीठी ने ली 5 की जान, जानें-बंद कमरे में अंगीठी जलाना क्यों होता है जानलेवा?
जयपुर। राजस्थान में हांड कंपाने वाली ठंड का सीतम जारी है। ऐसे में लोग सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा ले रहे है। वहीं, कुछ लोग तो सर्दी से बचाव के लिए बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने से भी नहीं चूक रहे है। लेकिन, यह आपके लिए काफी जानलेवा साबित हो सकता है। दरअसल, राजस्थान में सोमवार तड़के दो जगह ऐसे मामले सामने आए है। जहां बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोने के चलते 5 लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक 2 महीने का बच्चा गंभीर घायल हो गया। बताया जा रहा है कि पांचों लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई।
चूरू में परिवार के 3 लोगों की मौत
चूरू जिले के रतनगढ़ में सोमवार तड़के अंगीठी जलाकर घर में सो रहे एक ही परिवार के 3 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। वहीं, 2 माह के बेटे की हालत गंभीर है। घटना गांव गोरीसर की ढाणी की है। घटना के बाद गांव में मातम छा गया है। सूचना मिलते ही रतनगढ़ सीआई सुभाष बिजारणिया पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। थानाधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान सोना देवी (50), गायत्री (25 ) और तेजस्वनी (2) के रूप में हुई है। वहीं, 2 माह के बेटे को गंभीर हालत में चूरू रैफर किया गया है। सभी लोग रात में खाना खाने के बाद कमरे में सोए थे। लेकिन, ठंड से बचने के लिए इन लोगों ने कोयले की अंगीठी जला ली थी। ऐसे में दम घुटने से तीन लोगों की मौत हो गई और एक 2 महीने के बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई। बच्चे का जिला के सरकारी अस्पताल में उपचार जारी है।
बीकानेर में पति-पत्नी की मौत
बीकानेर जिले के बीछवाल थाना क्षेत्र में सोमवार तड़के दम घुटने से पति-पत्नी की मौत हो गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। बीछवाल थानाधिकारी महेन्द्र दत्त ने बताया कि कूच बिहार के रहने वाले अनिल और उसकी पत्नी पूर्णिमा बीकानेर में मजदूरी करते थे। शाम को खाना खाने के बाद दोनों पति-पत्नी सर्दी से बचाव के लिए कोठरी में अंगीठी जलाकर सो गए। जिनकी रात में सोते समय दम घुटने से मौत हो गई। दोनों के शव सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिए गए है। परिजनों के आने के बाद शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
बंद कमरे में अंगीठी जलाना क्यों होता है जानलेवा ?
प्रदेशभर में सर्दी का कहर जारी है। ऐसे में भीषण सर्दी से बचाव के लिए भूलकर भी बंद कमरे में अंगीठी जला के सोने की गलती न करें। क्योंकि ऐसा करने से कार्बन मोनो ऑक्साइड की मात्रा बंद कमरे में बढ़ जाती है। इससे आपको परेशानी हो सकती है। आपको दम घुटने, खांसी और सांस फूलने की दिक्कत हो सकती है। बता दें कि लकड़ी के जलने से कॉबर्न मोनो ऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है।
अंगीठी जलाए तो इन बातों का रखे ध्यान
वैसे तो बंद कमरे में शरीर को गर्म रखने के लिए ब्लैंकेट और रजाई का प्रयोग ही सबसे बेहतर है। लेकिन, यदि अंगीठी जलाए तो इन बातों का खास ध्यान रखे। अंगीठी जलाते समय वेंटिलेशन की सुविधा भी अच्छी होनी चाहिए। बंद कमरे में कभी भी जली हुई अंगीठी नहीं छोड़नी चाहिए। थोड़े समय में कमरा गर्म होते ही आग को कमरे से हटा देना चाहिए। आप रातभर बंद कमरे में हीटर जलाते हैं तो एक गीला कपड़ा कमरे में टांग दें, ऐसा करने से कमरे में ह्यूमिडिटी बनी रहेगी।