Board Exams 2024: अब साल में 2 बार होंगे बोर्ड एग्जाम, छात्रों को पसंदीदा विषय चुनने की होगी आजादी
Board Exams 2024: एजुकेशन के क्षेत्र में शिक्षा मंत्रालय की तरफ से लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को स्कूली शिक्षा और परीक्षा को लेकर कई घोषणाएं की हैं। यह घोषणाएं नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के प्रावधानों को लागू करते हुए किए गए हैं, जिसके मुताबिक अब बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन साल में 2 बार होगा। जिसमें छात्र-छात्राओं के पास यह छूट होगी कि वह दोनों ही सत्रों की परीक्षाओं में से अच्छे नंबर ला सके।
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बोर्ड परीक्षा सभी बोर्डों की तरफ से साल में एक बार ही परीक्षा आयोजित की जाती है। एजुकेशन मिनिस्ट्री ने नए परीक्षा पैटर्न आधारित बोर्ड परीक्षाएं छात्रों की विषयों को लेकर समझ और पतिस्पर्धात्मक उपलब्धियों का मूल्यांकन करेंगी। इसके अलावा क्लास में कॉपियों को 'कवर' करने के वर्तमान चलन से बचा जायेगा। इसके साथ ही कॉपियो की लागत को अनुकूलित किया जायेगा। इसके साथ बोर्ड परीक्षा का तय समय 'ऑन डिमांड' परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे।
2 बार होंगी बोर्ड की परीक्षाएं
शिक्षा मंत्रालय के आदेश अनुसार, साल में दो बार बोर्ड परीक्षा के आयोजन के बाद वहीं नंबर फाइनल माने जायेंगे।
2 भाषाओं का करना होगा अध्ययन
एजुकेशन मिनिस्ट्री की तरफ से किए गए बदलावों के तहत क्लास 11 और 12 के छात्राओं का अब स्ट्रीम चुनने की बाध्यता को हटाया जायेगा। अब छात्र-छात्राओं को इन क्लासों में अपने पसंदीदा सब्जेक्ट सेलेक्ट करने की छूट होगी। इसके अलावा एजुकेशन मिनिस्ट्री ने यह भी कहा है कि छात्रों को 2 भाषाओं का अध्ययन करना होगा। वहीं कक्षा 11वीं और 12वीं में कम से कम एक भाषा भारतीय होनी चाहिए। फिलहाल सभी बोर्डों के करिकुलम के मुताबिक स्टूडेंट्स साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स, वोकेशनल आदि में से किसी एक का चयन करना होता है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही ये बड़ी बात
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा निरीक्षण के दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि कस्तूरीरंगन के के मार्गदर्शन में संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया है। उन्होंने इसे सरकार को सौंप दिया है। सरकार ने इसे एनसीईआरटी को दे दिया है। NCIRT की और से 2 समितियां राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक समिति (NSTC) बनाई गई हैं। यह दोनों समितियां 21वीं सदी की जरूरतों के आधार और मूल भारतीय सोच पर आधारित सिलेबस तैयार करेंगी।