भाजपा का जनाक्रोश..सीपी जोशी समेत कार्यकर्ता बैरिकेडिंग तोड़ कलेक्ट्रेट में घुसे..पुलिस ने वॉटर कैनन से खदेड़ा, लाठीचार्ज तक किया
राजसमंद। गहलोत सरकार के खिलाफ भाजपा जनाक्रोश यात्रा निकाल रही है। आज यह यात्रा राजसमंद में आयोजित की गई थी। जिसके तहत नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट का घेराव किया गया। यहां भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया और बैरिकेडिंग पार कर कलेक्ट्रेट में घुसने की कोशिश भी की।
वॉटर कैनन का इस्तेमाल, लाठीचार्ज तक किया
आलम यह रहा कि भाजपा के प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को वॉटर कैनन तक का इस्तेमाल करना पड़ा। यहां तक कि लाठीचार्ज भी किया गया। जिसमें कई कार्यकर्ता घायल भी हुए हैं। पुलिस ने इन घायल कार्यकर्ताओं को अस्पताल भी पहुंचाया। सबसे खास बात यह रही कि जब पुलिस कार्यकर्ताओं पर वॉटर कैनन का इस्तेमाल कर रही थी, तब बीच में ही कैनन का पानी खत्म हो गया। जिससे फिर से भाजपा कार्यकर्ता उग्र हो गए और बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर निकल गए।
सीपी जोशी ने कहा- पुलिस ने हमारे साथ आतंकियों जैसा बर्ताव किया
इस जोरदार प्रदर्शन के बाद प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, जिला अध्यक्ष मानसिंह, सांसद दीया कुमारी समेत भाजपा के पदाधिकार कलेक्टर के केबिन पहुंचे और कलेक्टर को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। सीपी जोशी मीडिया से कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ जिस तरह राजस्थान सरकार की पुलिस ने आतंकियों जैसा बर्ताव किया है। उसकी मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।
यह राजस्थान की पुलिस है जो सच्चाई की आवाज उठाने पर उन पर लाठियां बरसाती हैं, सफेद कोट वाले डॉक्टरों ने जो राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में आवाज उठाई तो उन पर लाठियां बरसाईं और हम जब सच्चाई की आवाज उठा रहे हैं। तो वह हम पर लाठियां बरसा रहे हैं। जनता सरकार के इस तानाशाही को देख रही है। इस चुनाव में इस सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकना है।
सोनिया गांधी को खुश करने के लिए वकील नहीं लाए?
जयपुर बम ब्लास्ट को उठाते हुए सीपी जोशी ने कहा कि राजस्थान की धरती पर आतंकियों ने कहर बरपाया। 71 लोगों की जान गई। इस घटना में आपको आश्चर्य होगा कि जो आतंकवादी इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े हुए थे, क्या वह आतंकवादी अपनी सुरक्षा के लिए अपनी रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट के वकील खड़े कर सकते हैं। तो क्या राजस्थान की सरकार इतनी नाकारा है जो 71 लोगों की जान के लिए एक वकील खड़ा नहीं कर पाई। क्या यह शर्मनाक बात नहीं है कि कांग्रेस अपनी सरकार बचाने के लिए कपिल सिब्बल जैसे बड़े वकीलों को मोटी रकम देकर खड़ा कर सकती है तो आखिर क्या कारण है कि सुप्रीम कोर्ट का एक वकील राजस्थान की सरकार जयपुर ब्लास्ट में 71 लोगों के लिए खड़ी नहीं कर पाए।
आखिर किस का दबाव था? इसके पीछे सवाल खड़ा होता है, यह वही आतंकवादी है जो बाटला हाउस में मारे गए थे। सलमान खुर्शीद ने कहा था कि आतंकवादी के मरने पर सोनिया गांधी की आंखों में आंसू नहीं रुक रहे थे। तो क्या सोनिया जी को खुश करने के लिए राजस्थान की सरकार ने एक भी सुप्रीम कोर्ट का वकील नहीं किया और AAG सरकार की तरफ से पैरवी करते हैं वह भी 48 दिन तक वहां पर मौजूद नहीं रहा। इसके लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण नहीं हो सकता।