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Rajasthan Politics : सचिन पायलट को बीजेपी का ऑफर! कालीचरण सराफ बोले, घर बैठे लक्ष्मी आए तो....

03:51 PM Oct 02, 2022 IST | Jyoti sharma

Rajasthan Politics : जयपुर। प्रदेश में सियासी संकट के बीच कांग्रेस पर हमला बोलते हुए बीजेपी के दिग्गज नेता ने बड़ा बयान दिया है। बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ ने सचिन पायलट बीजेपी में आने वाले सवाल को लेकर कहा कि हमारे द्वार हमदम खुले है। पहले के घटनाक्रम में ना बीजेपी का रोल था ना इस घटनाक्रम में है। यह उनका अंदरूनी मामला है। अगर कांग्रेस की सरकार गिरती है तो कोई उस सरकार को गिराने में बीजेपी का सहयोग करता है तो हम उसका सहयोग करेंगे। जयपुर के मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि अगर घर बैठे लक्ष्मी आए तो उसे ठुकराना नहीं चाहिए।  सराफ ने कहा कि कांग्रेस डूबता जहाज है, जो भी इस जहाज में बैठा है वह अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए यहां-वहां भाग रहा है। जनता तो इस बात के इंताजार में है कि यह एक महीने में डूबता है या फिर 6 महीने में डूबता है।

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के करीबी है कालीचरण सराफ

बता दें कि मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ प्रदेश की राजनीति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते है। ऐसे में सराफ का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है। बीजेपी कांग्रेस में चल रही खींचतान पर खुलकर नहीं बोल रही है। लेकिन सराफ ने यह बयान देकर एक बार फिर से सचिन पायलट के गुटबाजी करने की हवा दे दी है। बीजेपी नेता पहले भी कई मौकों पर पायलट की तारीफ कर चुके हैं। ऐसे में राजनीति जानकार ये मान रहे है कि बीजेपी नेता सचिन पायलट पर एक बार फिर डोरे डालने लगे है। हालांकि, वसुंधरा कैंप पायलट की बीजेपी में एंट्री के खिलाफ माना जाता है। लेकिन प्रदेश में इन दिनों राजनीति में जिस तरह के समीकरण बन रहे हैं, ऐसे में कुछ भी हो सकता है।

सीएम गहलोत ने सचिन पायलट पर बोला हमला

आपकों बता दें आज ही सीएम गहलोत ने एक बार सचिन पायलट की बगावत को याद किया है। सीएम गहलोत ने इशारों ही इशारों में सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए कहा कि विधायकों ने बगावत करना उचित समझा।  सीएम गहलोत ने ने कहा कि उनकी सरकार गिराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर मीटिंग हुई थी। यह बात सब जानते है  उस मीटिंग में कुछ विधायक भी गए थे। सीएम गहलोत ने यह भी बताया कि अमित शाह के आवास पर उस समय धर्मेंद्र प्रधान और जफर इस्लाम भी मौजूद थे। दूसरों को स्वीकार करने की बजाय बगावत करना उचित समझा। सभी जानते कि कुछ विधायक बीजेपी नेताओं के साथ बैठे थे।

बीजेपी सरकार गिराने की कोशिश कर रही थी। हमारे कुछ विधायक भी अमित शाह से मिलने गए थे। अमित शाह हमारे विधायकों को मिठाई खिला रहे थे। आखिर में सच्चाई की जीत हुई। हमारी सरकार बच गई। कई विधायकों को होटल से बाहर जाने के लिए  10 करोड़ रुपये का ऑफर तक दिया गया था। आखिर क्या कारण था कि नया मुख्यमंत्री आने के नाम से ही 102 विधायक भड़क गए। हम कैसे भूल सकते हैं सरकार बचाने वाले विधायकों को। 102 विधायकों को कैसे भूल सकता हूं। इतना क्या भय था। क्या फिलिंग थी उनकी, आखिर कैसे उनको मालूम पड़ा, मैं भी अंदाज नहीं कर पाया।

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