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नए जिलों व संभागों की घोषणा में दिग्गजों की सिफारिशों को तरजीह, बीजेपी ने कहा-बिना तैयारी कर दी घोषणा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नए जिले और संभाग गठन के फैसले में कांग्रेस के दिग्गजों को तवज्जो मिलती दिखाई दी है।
08:47 AM Mar 18, 2023 IST | Anil Prajapat

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नए जिले और संभाग गठन के फैसले में कांग्रेस के दिग्गजों को तवज्जो मिलती दिखाई दी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के गृह जिले सीकर व कैबिनेट मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया के गृह जिले बांसवाड़ा को संभाग बनाया गया है। वहीं गुजरात प्रभारी रघु शर्मा, मंत्री राजेन्द्र यादव, विश्वेन्द्र सिंह, सुखराम विश्नोई, उपसचेतक महेन्द्र चौधरी और मुख्यमंत्री के सलाहकार बाबूलाल नागर अपने इलाकों को जिला बनाने में सफल हो गए। माना जा रहा है कि राजस्थान हीं नहीं, देश के इतिहास में पहली बार किसी राज्य में एक साथ 19 जिले बनाए गए हैं। राजस्थान जिलों के मामले में देश में तीसरे नंबर पर आ गया है।

उत्तर प्रदेश में 75 जिले और मध्यप्रदेश में 52 जिले हैं। उसके बाद 50 जिलों के साथ तीसरा नंबर राजस्थान का आता है। चौथे नंबर पर बिहार 38 जिले और महाराष्ट्र 36 जिलों के साथ 5वें नंबर पर है। वहीं कांग्रेस के अंदर ही जिलों के निर्णयों को लेकर विरोध के स्वर भी उठे हैं। बसपा छोड़ कांग्रेस का साथ देने वाले विधायक संदीप यादव ने राजस्थान सब-रीजन (एनसीआर) इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस्तीफे का ऐलान किया। यादव भिवाड़ी या तिजारा को नया जिला नहीं बनाने से आहत हैं। यादव ने कहा सरकार को समर्थन बिना प्रलोभन के दिया था, लेकिन आज भिवाड़ी या तिजारा को जिला नहीं घोषित करने से लोगों को बहुत निराशा हुई।

बिना तैयारी कर दी घोषणा

प्रदेश भाजपा के महामंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 19 जिलों और 3 संभाग की घोषणा 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के विधायकों संतुष्ट करने को ध्यान में रखते हुए की है। नए जिलों के गठन को लेकर रामलुभाया कमेटी की रिपोर्टप्राप्त होने में विलंब की बात राज्य सरकार ने कही थी। बिना तैयारी के जिलों के गठन की घोषणा करनी पड़ी। मुख्यमंत्री ने बजट में केवल 2 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। नए जिले कब तक बनेंगे, यह नहीं बताया है। जनसंख्या व क्षेत्रफल का ध्यान नहीं रखा गया है। बिना प्रशासनिक सुदृढ़ता व आधारभूत ढांचे के घोषणा करके यह महज राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति मात्र करना है। जयपुर ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर ने कहा कि बिना इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप किए बनाए गए जयपुर, जोधपुर और कोटा के दो-दो नगर निगम आज भी ठीक से काम करने में सक्षम नहीं हो पाए हैं।

जनमत के दबाव में फैसला: पूनियां

जिलों के गठन को लेकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान भौगोलिक रूप से बड़ा प्रदेश है। सबसे पहले नए जिले बनाने की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री स्व. भैरोंसिंह शेखावत ने हनुमानगढ़ और प्रतापगढ़ को जिला बनाकर की थी। अब कांग्रेस सरकार को जनमत के दबाव में यह फै सला लेना पड़ा, लेकिन प्रदेश की जनता झूठी घोषणाओं के बहकावे में नहीं आएगी, क्योंकि पेपर लीक, किसानों की संपूर्ण कर्ज माफी, बिगड़ी कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार इत्यादि तमाम मुद्दों से प्रदेश का हर वर्ग प्रताड़ित है।

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